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ग्रीष्मकाल के लिए खुले केदारनाथ धाम के कपाट, गर्भ गृह में हुई भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा के द्वार पर शीश नवाया। सीएम धाम को सुबह कपाट खुलने के समय धाम पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वे धाम नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मौसम ठीक होते ही सीएम केदारनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की।

By RNI Hindi Desk 
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उत्तराखंडः केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के बाद गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इसके बाद ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए। सुबह पांच बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। जिन्हे सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इससे पूर्व सुबह तड़के केदार बाबा की पंचमुखी मूर्ति का श्रंगार किया गया, भोग लगाया गया व पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया, सील बंद कपाट को प्रशासन मंदिर समिति की मौजूदगी में खोल दिए गए। और भोले बाबा अपने धाम में विराजमान हो गए। कपाट खोलते ही केदारनाथ धाम भोले बाबा की जयकारों से गूंज उठा।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा के द्वार पर शीश नवाया। सीएम धाम को सुबह कपाट खुलने के समय धाम पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वे धाम नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मौसम ठीक होते ही सीएम केदारनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। साथ ही बाबा केदार से प्रदेश की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर को करीब 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस पावन बेला के साक्षी बने। इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। कपाट खुलने के बाद धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग व पुजारी एवं धर्माचार्यों ने पूजा-अर्चना की गई। वहीं, गायक के रूप में कुमार राठौर और सुनाली राठौर ने भजन प्रस्तुति दी।
कपाट खुलने के साथ ही मंगलवार सुबह से केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू हो जाएगी। नौ एविएशन कंपनी केदारघाटी में जाखधार, शेरसी, फाटा, नारायणकोटि, जामू और सोनप्रयाग से हेली सेवा का संचालन करेंगी। सोमवार को विभिन्न हेलीपैड से धाम के लिए ट्रायल उड़ान भरी गईं।
इस रूट पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ ने यात्रियों की सहायता के लिए पांच पड़ाव बनाए हैं। ये पड़ाव केदारनाथ, लिनचौली, सोनप्रयाग, अगस्त्यमुनि और रतूड़ा में बनाए गए हैं। हर पड़ाव में दो-दो दल तैनात किए गए हैं। ये दल एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव के बीच गश्त भी करेंगे। खासकर सोनप्रयाग, लिनचौली व केदारनाथ पैदल मार्ग के बीच ये यात्रियों की सहायता को विशेष रूप से सक्रिय रहेंगे। इन दलों को बर्फ हटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्नो रिमूवर समेत आधुनिक उपकरण दिए गए हैं। इसके साथ ही पड़ाव स्थलों पर प्राथमिक उपचार के लिए दवाओं की व्यवस्था भी की गई है। वहीं गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल चुके हैं। वहीं, आज केदारनाथ धाम के कपाट भी खुल गए हैं। अब 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे।

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