विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है और आज सुबह प्रधानमंत्री यहां लोगों को संबोधित करने के बाद कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरे होने के समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर पीएम मोदी ने इसका नाम बदलने का किया एलान किया है। अब पोर्ट को श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के नाम से जाना जाएगा।
अपने सम्बोधन के दौरान PM मोदी ने डॉ. मुखर्जी और बाबा साहेब को याद करते हुए कहा की डॉ. मुखर्जी की बनाई पहली औद्योगित नीति में देश के जल संसाधनों के उचित उपयोग पर जोर दिया गया था।
उन्होंने कहा की कोलकाता पोर्ट सिर्फ जहाजों के आने-जाने का स्थान नहीं है, ये एक पूरे इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है। इस पोर्ट ने भारत को विदेशी राज से स्वराज पाते देखा है। सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक इस पोर्ट ने देश को बदलते हुए देखा है।
उन्होंने कहा की आज के इस अवसर पर, मैं बाबा साहेब को भी याद करता हूं, उन्हें नमन करता हूं। डॉ. मुखर्जी और बाबा साहेब, दोनों ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के लिए नई नीतियां और नया विजन दिया था। डॉ. मुखर्जी की बनाई पहली औद्योगित नीति में देश के जल संसाधनों के उचित उपयोग पर जोर दिया गया था।
सरकार का विज़न बताते हुए उन्होंने कहा की हमारी सरकार मानती है कि हमारे तट विकास के द्वार हैं। इसलिए सरकार ने तटों पर कनेक्टिविटी और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया।
उन्होंने यह भी कहा की गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों के विकास के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही पश्चिम बंगाल सरकार आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि के लिए स्वीकृति देगी, यहां के लोगों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलने लगेगा।
अंत में उन्होंने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा की मेरे दिल में हमेशा दर्द रहेगा और मैं चाहूंगा, ईश्वर से प्रार्थना करूंगा की बंगाल के नीति निर्धारकों को सद्बुद्धि दे। गरीबों के लिए गरीबी में मदद के लिए आयुष्मान योजना और किसानों की जिंदगी में पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मेरे बंगाल के गरीबों और किसानों को मिले।