नागरिकता संशोधन एक्ट (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NRP) को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहें है इन सवालों के बीच गृह मंत्रालय ने बुधवार को अक अहम जानकारी देते हुए कहा कि, एनपीआर के दौरान किसी तरह का कोई कागज या फिर बायोमेट्रिक जानकारी नहीं मांगी जाएगी। इस पर विपक्षी शासित राज्य पश्चिम बंगाल, केरल समेत ने NPR प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर सवाल खड़े किए गये थे।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि NPR को लेकर जल्द ही एक प्रश्नों की लिस्ट जारी की जाएंगी, लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से दावा किया गया है कि इस प्रक्रिया में कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे। हालांकि इससे इतर सेंसस ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जो NPR का डाटा उपलब्ध है उसमें इस बात की जानकारी मांगी गई है और बायोमेट्रिक का भी जिक्र है। ऐसे में अब भी कई तरह की शंका बनी हुई है।
वहीं, गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि NPR का मकसद सिर्फ देश में इस वक्त मौजूद लोगों का डेटाबेस तैयार करना है, ये डेटा डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक आधार पर उपस्थित रहेगा। हालांकि अभी तक पश्चिम बंगाल और केरल में एनपीआर की प्रक्रिया को होल्ड पर रख दिया है। और दोनों राज्य नागरिकता संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे हैं। अधिकतर राज्यों ने NPR को सूचित कर दिया गया है।
इसके बाद भी नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार का विरोध कर रहा है इसी बीच मोदी सरकार ने NPR को अपडेट करने का प्रस्ताव पास कर दिया था, और 2021 में जो जनगणना होगी उससे पहले NPR की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा इसके लिए सभी राज्य सरकारों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। मोदी सरकार की ओर से जनगणना के लिए 8000 करोड़ और NPR अपडेट करने के लिए 3000 करोड़ से अधिक का बजट पास किया है।
जनगणना में अधिकारियों के मुताबिक इस बार लोगों से उनकी निजी जानकारी, माता-पिता का नाम, पत्नी का नाम, जन्म का स्थान, मौजूदा निवास, परमानेंट निवास समेत अन्य कई प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे।