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बालासोर हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत, पीएम मोदी पूछेंगे घायलों का हाल

बालासोर में शुक्रवार शाम को हुई ट्रेन दुर्घटना में अब तक 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच भी रेलवे ने शुरू कर दी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

By RNI Hindi Desk 
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ओडिशाः बालासोर में शुक्रवार शाम को हुई ट्रेन दुर्घटना में अब तक 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच भी रेलवे ने शुरू कर दी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और उच्चस्तरीय बैठक के बाद टनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। घटना के मुताबिक कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर में शुक्रवार शाम करीब सात बजे भीषण ट्रेन हादसा हुआ। इस हादसे का शिकार तीन ट्रेनें हुईं। जिसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मालगाड़ी शामिल हैं। इस भयावह हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ डिब्बे बगल के ट्रैक पर भी जा गिरे। ठीक उसी वक्त दूसरी ओर से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को गुजरना था। बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के ट्रैक पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे गिरे हुए थे। इसकी वजह से बेंगलुरु-हावड़ एक्सप्रेस इन डिब्बों से टकरा गई। भीषण टक्कर के चलते बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के सामान्य श्रेणी के तीन डब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पटरी से उतर गए। हादसे के बाद चारों तरफ क्षत-विक्षत शव ही नजर आ रहे थे।

दुर्घटना के बाद बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद लंबी दूरी की 48 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 39 ट्रेनों के रुट में बदलाव किया गया है। इसके अलावा 10 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है। फिलहाल इस हादसे के पीछे दो कारण नजर आ रहे हैं। पहला कारण है तकनीक में खराबी और दूसरा कारण मानवीय भूल। जब हादसा हुआ उस दौरान अगर सिग्नल सिस्टम सही होते तो कोरोमंडल एक्सप्रेस को रोका जा सकता था। इसलिए हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को बड़ी वजह माना जा रहा है। दरअसल, ड्राइवर कंट्रोल रूम के निर्देश पर ट्रेन चलाता है और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देख कर दिया जाता है। ऐसे में यह रेलवे का एक बहुत बड़ा सिस्टमेटिक फेल्युअर नजर आता है।

घटना के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी बालासोर में दुर्घटनास्थल पर पहुंचे थे। बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बचाव अभियान पूरा कर लिया गया है और रेल ट्रैफिक की बहाली का काम शुरू हो गया है। हम इस घटना की गहन जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये दुर्घटना बहुत ही दुखद है। स्थानीय लोग, प्रशासन, NDRF, सेना सभी मिलकर राहत एवं बचाव कार्य किया। प्रधानमंत्री यहां आएंगे और घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। वो अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात भी करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी कारण से ये घटना हुई है। रेल विभाग ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई है।

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