आरपीएफ ने ई-टिकटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पकड़े गए रैकेट का लिंग पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबाई से हैं। मामले में आरपीएफ ने झारखंड के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गुलाम मुस्तफा को गिरफ्तार किया था। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने इसके पीछे टेरर फंडिंग का शक जताया है।
डीजी ने बताया कि रैकेट का सरगना दुबई में है, जांच के दौरान एक और चौकाने वाला खुलास हुआ है, इस मामले में गिरफ्तार हुए एक ही शख्स के SBI के 2,400 ब्रांचों में अकाउंट मिले हैं।
गिरफ्तार हुए गुलाम मुस्तफा के पास से आईआरसीटीसी के 563 पर्सनल आईडी भी मिले हैं। इसके अलावा संदेह है कि एसबीआई के 2,400 और क्षेत्रिय ग्रामीण बैंकों की 600 शाखाओं में उसके बैंक खाते हैं। मुस्तफा को भुवनेश्वर से पकड़ा गया है।
आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने कहा कि, ई-टिकटिंग रैकिट के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए गुलाम मुस्तफा से पिछले 10 दिनों में आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस पूछताछ कर चुकी है। रैकेट के तार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से जुड़ने का शक है।
रैकेट का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर डेवलेपर हामिद अशरफ 2019 में गोंडा के स्कूल में हुए बम ब्लास्ट में शामिल था। आरपीएफ को शक है कि वह दुबई में है। उन्होंने कहा कि, शक है कि काले कारोबार से हामिद अशरफ हर महीने 10 से 15 करोड़ रुपए कमाता है।