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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम राष्ट्रपति का संबोधन

By RNI Hindi Desk 
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71 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार शाम राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश गणतंत्र के लोगों से ही चलता है। हमने 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अंगीकार किया था। तब से प्रतिवर्ष हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं।

राष्ट्रपति की मुख्य बातें

हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। जन-कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है।

जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है – चाहे रसोई गैस की सब्सिडी को छोड़ना हो, या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना हो। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है। मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन’ भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा।

जी.एस.टी. के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी ‘एक राष्ट्र के लिए एक बाजार’ बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा। हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं – चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों।

देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है। भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है। शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं।

हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में, भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।

देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएँ प्रस्तुत करता है।

प्रवासी भारतीयों ने भी सदैव देश का गौरव बढ़ाया है। कई प्रवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है। लोकतन्त्र में सत्ता एवं प्रतिपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ, देश के समग्र विकास और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए।

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