प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किर्लोस्कर समूह के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, कुछ कर गुजरने की भावना, जोखिम उठाने की भावना, नए-नए क्षेत्रों में अपना विस्तार करने की भावना आज भी हर भारतीय उद्यमी की पहचान है। भारत का उद्यमी देश के विकास के लिए अधीर है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत को $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का सपना सिर्फ एक कदम है। हमारे बड़े सपने और बड़ी उम्मीदें हैं। देश के लोगों का सही सामर्थ्य तभी सामने आ सकता है, जब सरकार, इंडिया, इंडियन और इंडस्ट्रीज के आगे बाधा बनकर नहीं, बल्कि उनका साथी बनकर खड़ी रहे। बीते वर्षों में देश ने यही मार्ग अपनाया है।
पीएम ने कहा कि, भारत में कॉर्पोरेट कर की दर आज सबसे कम है। माल और सेवा कर सुधार या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग सुधार लंबे समय से लंबित थे। आज, यह भारतीय उद्योग के विकास में किसी भी बाधा को दूर करने के लिए सच कर दिया गया है। भारतीय उद्योग, एक पारदर्शी माहौल में भय के बिना आगे बढ़े, देश के लिए वेल्थ क्रीएट करे, यही हम सभी का प्रयास रहा है। ये निरंतर कोशिश की गई है कि भारतीय उद्योग जगत को कानूनों के जाल से मुक्ति मिले। देश में 1,500 से ज्यादा पुराने कानून इसी कोशिश की वजह से खत्म कर दिए गए हैं।
भारत के लोगों के लिए जीवनयापन को आसान बनाने के लिए सार्वजनिक अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का काम जारी है। पीएएस की तुलना में यह तेज दर से किया जा रहा है। भारत में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए पहल की गई है और हमने केवल 5 वर्षों में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स पर 20 रैंक की छलांग लगाई है। हम पिछले कुछ वर्षों में शीर्ष एफडीआई-आकर्षित करने वाले देशों में से एक रहे हैं, और यह भारत के लिए एक उपलब्धि है।
वहीं, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि, एक जमाना था जब कहा जाता था कि बॉम्बे देश के उद्यमियों का, उनके बिजनेस इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधित्व करता था। अब आज अगर ऐसा कोई क्लब बने तो उसे भारत क्लब ही कहा जाएगा। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों, अलग-अलग सेक्टर्स, पुराने दिग्गज और नए entrepreneurs, सभी का प्रतिनिधित्व होगा।
नए वर्ष की शुरुआत में, आज इस मंच से मैं भारतीय उद्योग जगत को फिर कहूंगा कि निराशा को अपने पास भी मत फटकने दीजिए। नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़िए, अपने विस्तार के लिए आप देश के जिस भी कोने में आप जाएंगे, भारत सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। 2018-19 के वित्तीय वर्ष में, UPI के जरिए करीब 9 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था। इस वित्तीय वर्ष में दिसंबर तक ही लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन UPI के जरिए हो चुका है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश कितनी तेजी से डिजिटल लेन-देन को अपना रहा है।
कल ही उजाला स्कीम को 5 वर्ष पूरे हुए हैं। ये हम सभी के लिए संतोष की बात है कि इस दौरान देशभर में 36 करोड़ से ज्यादा LED बल्ब बांटे जा चुके हैं। इतना ही नहीं देश के ट्रेडिशनल स्ट्रीट लाइट सिस्टम को LED आधारित बनाने के लिए भी 5 साल से प्रोग्राम चल रहा है।