गुरूवार को पीएम मोदी अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और सफल उद्यमियों के साथ विचार विमर्श किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 2024 तक भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मिलकर प्रयास करने को कहा है।
दरअसल चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 11 साल के निचले स्तर पर रहने के अनुमान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है औऱ इसे फिर से पटरी पर लौटने की पूरी क्षमता है। पीएम मोदी ने आगामी बजट से पहले ये बातें कही। पीएम मोदी इससे पहले विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले मुद्दे तथा आगामी बजट में पॉलिसी लाने को लेकर लगभग 12 बैठकें कर चुके हैं।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक पीएम ने कहा कि, हमें साथ मिलकर काम करने और राष्ट्र की तरह सोचने की शुरूआत करनी चाहिए। उन्होने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के उतार- चढ़ाव झेलने की ताकत अर्थव्यवस्ता के बुनियादी कारकों की मजबूती और उसके फिर से पटरी पर लौटने की क्षमता को दर्शाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी हितधारकों को हकीकत और विचार के बीच की खाई पाटने के लिए काम करना है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में शामिल विशेषज्ञों ने सरकार से कर्ज वृद्धि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संचालन, उपभोग और रोजगार बढ़ाने पर ध्यान देने का आग्रह किया। बैठक में करीब 40 विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने शरकत की। पीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उन सुझावों पर काम करेंगे, जिन्हें जल्द लागू किए जाने की जरूरत है। साथ ही दीर्घकालिक अवधि में लागू होने वाले सुझावों पर भी विचार किया जाएगा, क्योंकि बुनियादी सुधारों के लिए जरूरी है।
वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ट्वीट कर कहा कि, पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ आज नीति आयोग में चर्चा की। इसमें आर्थिक वृद्धि और स्टार्टअप जैसे कई मुद्दों पर विचार- विमर्श हुआ।
इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल औऱ कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्यकार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के अलावा कई अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देवरॉय भी बैठक में मौजूद रहे।