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विविधताओं के बावजूद एक साथ रहना ही हिंदुत्व है- मोहन भागवत

By RNI Hindi Desk 
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संघ प्रमुख मोहन भागवत यूपी के बरेली में हिंदुत्व के मतलब को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि, भारत का प्रत्येक नागरिक हिंदू है। विभिन्न विविधताओं के बावजूद एक साथ रहना ही हिंदुत्व है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि RSS संविधान से इतर कोई पावर सेंटर नहीं चाहता है और संघ संविधान पर पूरा विश्वास करता है। इस दौरान मोहन भागवत ने दो बच्चों के कानून को लेकर भी अपनी सफाई दी और कहा कि, उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है कि सभी के दो बच्चे होने चाहिए। बल्कि उन्होने कहा है कि जनसंख्या एक समस्या के साथ-साथ संसाधन भी है और सरकार को इस पर एक मसौदा तैयार करना चाहिए।

मोहन भागवत ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि, जब RSS के कार्यकर्ता कहते हैं कि यह देश हिंदुओं का है और 130 करोड़ लोग हिंदू हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी का धर्म, भाषा या जाति बदलना चाहते हैं। हमें संविधान से इतर कोई शक्ति नहीं चाहिए क्योंकि इसपर हम विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? यह देश हमारा है, हम अपने पूर्वजों के वंशज हैं। हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा, इसे हम हिंदुत्व कहते हैं।

वहीं मुरादाबाद में मोहन भागवत ने राजनीति से संघ के रिश्ते को खारिज किया औऱ कहा कि, चुनाव का हमारे लिए कोई मतलब नहीं है। हम पिछले 60 साल से देश की संस्कृति को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार का रिमोट संघ के पास नहीं है। हमारा सरकार से प्रेम और विश्वास का रिश्ता है।

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