सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने उठाया बड़ा क़दम , हलफ़नामा दाख़िल करके दी जानकारी, दिल्ली सरकार को अस्पतालों में निर्माण कार्यों की मिली इजाज़त
मुमताज़ आलम रिज़वी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की ज़बरदस्त फटकार के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में आई और उसने प्रदुषण पर क़ाबू पाने के लिए एक इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन कर डाला । दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण के चलते एक दिन पहले गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी और 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। आज सुनवाई के दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अदालत में हलफनामा दायर करते हुए बताया कि उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन किया है।
केंद्र ने यह भी अदालत को बताया कि यह 17 सदस्यीय फ्लाइंग टास्क फोर्स बनाई गई है। यह टास्क फोर्स हर शाम 6 बजे रिपोर्ट लेगी। केंद्र सरकार की इस पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताया है। बता दें कि गुरुवार को वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 24 घंटे के भीतर योजना बताने को कहा था। दूसरी जानिब कोरोना की तीसरी लहर के ख़तरे को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दायर हलफनामा को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में निर्माण कार्य करने की अनुमति दे दी है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
ख़्याल रहे कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके शहर के अस्पतालों में निर्माण कार्यों की इजाज़त मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कुछ पुराने अस्पतालों में बुनियादी ढांचे तैयार करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा सात नए अस्पतालों का भी निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के कारण निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। इस बीच फिर से कोरोना के नए वैरिएंट ने दहशत का माहौल बना दिया है। ऐसे में दिल्ली के अस्पतालों स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना जरूरी हो गया है। शीर्ष अदालत से निर्माण कार्यों की अनुमति देने का आग्रह करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की मांग मान ली है जिससे सरकार को बड़ी राहत मिली है।