नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शनिवार को शिवसेना ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर कर देना चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चीफ राज ठाकरे ने भी गुरुवार को सीएए का समर्थन किया था और 9 फरॉवरी को कानून के समर्थन में प्रोटेस्ट मार्च निकालने का ऐलान किया था।
राज ठाकरे के इस ऐलान के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए उन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, राज ठाकरे का एक महीने पहले सीएए पर स्टैंड कुछ और था और वह इसे मंदी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की चाल बता रहे थे लेकिन अब वह अपने बयान से पलट गए हैं और सीएए के समर्थन में रैली निकालने जा रहे हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, दो झंडे थामना कन्फयूज्ड मानसिकता को दर्शाता है। गुरुवार को एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने पार्टी का नया झंडा लॉन्च किया था जो भगवा रंग का है और जिसमें शिवाजी काल की राजमुद्रा छपी है।
शिवसेना ने राज ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि एक पार्टी ने इस मुद्दे के लिए अपना झंडा बदल लिया।
पार्टी के मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा कि राज ठाकरे ने 14 साल पहले मराठी मुद्दों पर पार्टी बनाई लेकिन अब वह हिंदुत्व की ओर मुड रहे हैं लेकिन बाबा साहेब और सावरकर के हिंदुत्व को निभाना बच्चों का खेल नहीं है। इसके साथ उन्होंने कई और आरोप लगाए।