1. हिन्दी समाचार
  2. खेल
  3. 105 वर्षीय रामबाई ने उम्र का शतक किया पूरा, 100 मीटर रेस में बनाया नया रिकॉर्ड

105 वर्षीय रामबाई ने उम्र का शतक किया पूरा, 100 मीटर रेस में बनाया नया रिकॉर्ड

राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। 105 वर्षीय रामबाई ने उम्र का शतक पूरा करने के बावजूद अपने सपनों को जी रही हैं और उन्होंने 100 मीटर में नया रिकॉर्ड भी बनाया है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। 105 वर्षीय रामबाई ने उम्र का शतक पूरा करने के बावजूद अपने सपनों को जी रही हैं और उन्होंने 100 मीटर में नया रिकॉर्ड भी बनाया है।

15 जून को 100 मीटर और रविवार को 200 मीटर का गोल्ड अपने नाम किया। उनका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। वह पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की योजना बना रही हैं। यह पूछे जाने पर कि वह बहुत कम उम्र में क्यों नहीं दौड़ीं तो हरियाणा की सेंचुरियन ने हंसते हुए कहा, ‘मैं दौड़ने के लिए तैयार थी लेकिन किसी ने मुझे मौका नहीं दिया।’

इस उम्र में तमाम लोगों के लिए प्रेरणा बनीं रामबाई, जिनका जन्म 1 जनवरी, 1917 को हुआ था, वडोदरा में अकेली दौड़ीं, क्योंकि प्रतियोगिता में 85 से ऊपर का कोई प्रतियोगी नहीं था। उन्होंने सैकड़ों दर्शकों के जयकार के बीच 100 मीटर की दौड़ पूरी की। वह विश्व मास्टर्स में 100 मीटर की उम्र में स्वर्ण जीतने के बाद प्रसिद्ध हो गई। उन्होंने 45.40 सेकंड में रेस पूरी करते हुए नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी।

रामबाई रेस पूरी करते ही स्टार बन गईं और अन्य प्रतियोगियों के साथ सेल्फी और तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त थीं। वडोदरा में प्रतिस्पर्धा और पदक जीतने वाली रामबाई की पोती शर्मिला सांगवान ने कहा, ‘मैं आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद वडोदरा पहुंचने से पहले 13 जून को उसे दिल्ली ले गई। हम अब घर लौट रहे हैं। मैं नानी को उनके गांव कदमा छोड़ दूंगी, जो चरखी दादरी जिले में दिल्ली से लगभग 150 किमी दूर है।

शर्मिला ने कहा कि उनका पूरा परिवार खेलों में है। उन्होंने बताया, ‘सेना में सेवारत हमारे परिवार के कुछ सदस्यों ने मास्टर्स एथलेटिक मीट में भाग लेने के अलावा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। मेरी दादी ने पहली बार पिछले नवंबर में प्रतिस्पर्धा की थी जब मैं उन्हें वाराणसी ले गई थी। फिर उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल में भाग लिया। अब तक उन्होंने एक दर्जन से अधिक पदक जीते हैं।’

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...