रोहित शर्मा भारतीय सलामी बल्लेबाज इस समय मुबई इंडियंस के साथ आइपीएल के 15वें सीजन के बायो-बबल में हैं। ऐसे में वे अपना 35वां जन्मदिन भव्य अंदाज में नहीं मना पाएंगे।
रोहित शर्मा भारतीय सलामी बल्लेबाज इस समय मुबई इंडियंस के साथ आइपीएल के 15वें सीजन के बायो-बबल में हैं। ऐसे में वे अपना 35वां जन्मदिन भव्य अंदाज में नहीं मना पाएंगे। क्या आप जानते हैं कि वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में दोहरे शतकों का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले रोहित शर्मा भी एक आम खिलाड़ी की होते अगर उनकी तकदीर का फैसला एक महान खिलाड़ी नहीं करता।
भारतीय टीम के लिए इस वक्त तीनों फार्मेट में कप्तानी करने वाले रोहित शर्मा नीचले क्रम में बल्लेबाजी कर रहे थे जब उनके हुनर को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने पहचाना। रोहित की किस्मत धौनी ने बदली थी, क्योंकि साल 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित शर्मा को धौनी ने बतौर ओपनर खेलने के लिए कहा था। इसके बाद से रोहित शर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे हिटमैन बनते चले गए। हालांकि, साल 2007 में ही रोहित शर्मा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था और वे देश के लिए खेलने लगे थे, लेकिन साल 2011 के विश्व कप में रोहित शर्मा को नहीं चुना गया था, जबकि उनके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में आए विराट कोहली को फाइनल फिफ्टीन में जगह मिली थी। उस समय रोहित निराश भी थे, लेकिन 2019 के विश्व कप में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाकर सभी की बोलती बंद कर दी
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट के नये सितारे हैं. विश्व में इन्हें सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज में रखा जाता है। इनका पूरा नाम रोहित गुरूनाथ शर्मा है। फिलहाल रोहित ने भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे एवं टी20 के ओपनर बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बना रखी है। इसके अलावा रोहित टेस्ट मैच में भी अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हें। वे अंबानी ग्रुप के मुंबई इंडियन्स के कप्तान भी है. रोहित विश्व में एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने वनडे में 2 दोहरा शतक लगाया है।
रोहित शर्मा ट्रांसपोर्ट फर्म हाउस में कार्यरत पिता गुरूनाथ शर्मा और माँ पुर्णिमा शर्मा के घर 30 अप्रैल 1987 को पैदा हुए थे। प्रारंभिक जीवन में रोहित शर्मा के परिवार को जीविका के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। धन के अभाव में रोहित का बचपन अपने दादा जी के साथ बीता, वो अपने माता पिता से मिलने कभी कभी आते थे. रोहित का एक भाई था। रोहित बचपन से ही क्रिकेट के प्रति आकर्षित थे, बाद में जाकर उसके चाचा ने उन्हें क्रिक्रेट कैंप में भर्ती करवा दिया। रोहित की प्रतिभा देखकर वहाँ के कोच दिनेश लाद ने स्कॉलरशिप दिलवा कर रोहित का स्कूल बदलवा दिया। रोहित ने अपने कैरियर की शुरूआत एक गेंदबाज के रूप में की, पर उसकी बैंटिंग प्रतिभा भी धीरे धीरे निखर कर आयी जब उन्होंने एक स्कूल के साथ मैच में शतक लगा दिया।
रोहित शर्मा की बल्लेबाजी कई कोचों को प्रभावित कर गई थी इसके फलस्वरूप 2005 के देवधर ट्राफी में सेंट्रल जोन के खिलाफ पश्चिमी क्षेत्र के लिए उनका चयन हो गया। लेकिन उस मैच में कुछ खास नहीं कर पाये, उसके बाद उत्तरी क्षेत्र के खिलाफ खेलते हुए नाबाद 142 रन की पारी खेली। इस पारी ने इन्हें सुर्खियों में ला दिया और तीस सदस्यी संभावित खिलाड़ियों की सूची में शामिल कर इन्हें चैंपियंस ट्राफी में खेलने का सुअवसर प्राप्त हुआ। इसी क्रम में उनका चयन एनकेपी साल्वे ट्राफी में भी हुआ. लगातार अच्छे खेल के कारण 2006 में इन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले मैच के लिए इंडिया ए के लिए चुना गया। उसी साल इन्हें रणजी ट्राफी में भी खेलने का मौका मिला। प्रारंभिक असफलता के पश्चात इन्होंने गुजरात और बंगाल के खिलाफ क्रमश: दोहरा शतक और अर्द्धशतक लगाकर फिर से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। इनके लगातार अच्छे खेल के कारण 2014 में इन्हें मुंबई रणजी टीम का कप्तान बना दिया गया।