रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सूबे में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। एक और विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है, तो वहीं दूसरी ओर BJP में ही आपसी कलह की चर्चाएं तेज हैं। तमाम हलचलों के बीच गुरुवार को सीएम योगी दिल्ली रवाना हुए तो अटकलों का दौर तेज हो गया। वहीं यही हाल राजस्थान की हो गई है। राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी में आपसी कलह की बातें सामने आ रही हैं। यहां कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही पार्टी दो गुटो में बंट गई। एक तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुट तो वहीं दूसरा गुट सचिन पायलट का है।
आपको बता दें कि राजस्थान में आ रही सियासी संकट की आहट के बीच गुरुवार को पायलट खेमे के 8 विधायकों ने उनसे मुलाकात की है। मुलाकात के बाद कई विधायकों ने कहा कि हम लोग पायलट के साथ मजबूती से खड़े हैं। हम कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में रहकर ही आवाज उठाएंगे। विधायकों का कहना था कि आलाकमान ने जो वादे किए, उन्हें पूरा करना चाहिए।
उनेहोने आगे कहा कि पायलट ने पार्टी के लिए संघर्ष किया है, उन्हें सुना जाना चाहिए। पायलट के घर पहुंचने वाले विधायकों में विश्वेंद्र सिंह, वेदप्रकाश सोलंकी, पी आर मीणा, मुकेश भाकर, गुरुदीप सिंह साहपीनी, राकेश पारीक, जी आर खटाना और रामनिवास गावड़िया शामिल हैं।
सचिन पायलट से मिलने के बाद विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने कहा कि शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन को लेकर चर्चा हुई है। स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में कार्यक्रम करेंगे। हम लोग अपने जिले और ब्लॉक में रहकर श्रद्धांजलि देंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग पायलट के साथ मजबूती से खड़े हैं।
आपको बता दें कि विधायकों का कहना है कि आलाकमान को कार्यकर्ताओं से जुड़े मसले सुलझाने चाहिए। राजनीतिक नियुक्तियों में हो रही देरी से कार्यकर्ता हताश हो रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने भी सोच समझ कर बात कही होगी। 5 साल संघर्ष करने वाले नेताओं-कार्यकर्ताओं की आवाज को उन्होंने बुलंद किया है। जिन लोगों का पार्टी के लिए योगदान है उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। आलाकमान ने जो वादे किए उन्हें पूरा करना चाहिए। 10 महीने बीत चुके हैं।
विधायकों का यह भी कहना था कि जिस तरह से सिद्धू की बात सुनी गई है। उसी तरह पायलट की बात भी सुनी जानी चाहिए थी। हमारा संघर्ष जारी है और करते रहेंगे। वहीं विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी यही बातें दोहरायी। उन्होंने कहा कि अभी आलाकमान से मिलने का वक्त नहीं मांगा गया है. सोलंकी ने कहा कि हम जिस तरह रोज भगवान के मंदिर जाते है। उसी तरह से हम रोज गहलोत के यहां गुहार लगाते हैं। देखते हैं हमारी बात कब सुनी जाती है।