
रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: कोरोना महामारी देश में दूसरे लहर के साथ तेजी से फैल रहा है। इस महामारी से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। देश के अलावा महामारी दुनिया में भी तेजी के साथ फैल रही है। इस महामारी के खात्मे के लिए एक ओर जहां तेजी के साथ टीकाकरण किया जा रहा है, तो दूसरी ओर वैज्ञानिक भी महामारी के खात्में के लिए प्रयासरत हैं।
वैज्ञानिक संक्रमण का जल्द से जल्द पता लगाने ले लिए नई-नई खोज कर रहें हैं। इसी के साथ अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पोर्टेबल, पॉकेट-आकार का टेस्ट डेवलप किया है जो न केवल मिनटों में कोविड -19 को डायग्नोस कर सकता है, बल्कि म्यूटेशन और वेरिएंट के प्रसार को ट्रैक करने के लिए वायरस का सिकुएंस भी कर सकता है। इस टेस्ट को निर्वाण नाम दिया गया है।
Thanks for Salk for feathering our work. @JCIB_Lab_Salk Fast, portable test can diagnose COVID-19 and track variants – Salk Institute for Biological Studies https://t.co/2CdAjxSmPk via @salkinstitute
— Mo (@Mo_Li_KAUST) March 31, 2021
आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने बताया कि निर्वाण से वह रियल टाइम में कोविड 19, के साथ-साथ अन्य वायरस जैसे इन्फ्लूएंजा ए, मानव एडेनोवायरस और नॉन-सार्स –सीओवी -2 मानवन कोरोनावायरस के 96 नमूनों के पॉजिटिव और निगेटिव टेस्ट कर सकता है। इसी के साथ जर्नल में प्रकाशित किए गए शोध की मानें तो निर्वाण तीन घंटों के अंदर ब्रिटेन में पहचाने गए बी.1.1.7 जैसे न्यू वेरिएंट को भी ट्रैक कर सकता है।
इस मामले पर सल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज में एक प्रोफेसर जुआन कार्लोस इस्पिसुआ बेलमोन्टे ने बताया कि, निर्वाण एक वायरस डिटेक्शन और सर्विलांस मेथड है, इसमें अन्य तरीकों की तरह महंगे बुनियादी ढांचे की जरूरत नहीं पड़ती है। जबकि शोधकर्ताओं का कहना है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जनसंख्या का परीक्षण करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, नए कोविड वेरिएंट को ट्रैक करना, जिनमें से कुछ उपचार या वैक्सीन के लिए अलग-अलग प्रतिक्रिया दे सकते हैं, महत्वपूर्ण है।
आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि इस पोर्टेबल टेस्ट डिवाइस को कोरोना वायरस का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए स्कूलों, हवाईअड्डों या बंदरगाहों पर इंस्टॉल किया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस डिवाइस के आ जाने से संक्रमण की पुष्टी में हो रही देरी से बचा जा सकेगा। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति की जल्द ही पहचान हो सकेगी। जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा कम होगा।