बीजेपी ने शिवसेना में विद्रोह की अगुवाई कर रहे, एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की है। शिंदे को संदेश दिया गया है कि उन्हें अपने विधायकों के साथ राज्य में सरकार गठन के लिए आगे बढ़कर भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहिए। जिसकी वजह से सियात गर्म हो रही है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने और मौजूदा एमवीए सरकार को गिराने के लिए भाजपा को 38 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। हालांकि, दलबदल के इच्छुक विधायकों की सही संख्या के बारे में अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
अगर विद्रोह करने वाले विधायकों की संख्या पर्याप्त पड़ती है, तो सूत्रों का कहना है कि भाजपा एकनाथ शिंदे के साथ उसी तरह का समझौता करेगी, जैसा उसने नवंबर 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार के साथ किया था।
तब जो समझौता हुआ था उसके मुताबिक अजित पवार को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली थी, जबकि उनकी टीम से 9 विधायकों को मंत्री बनाया गया था। हालांकि, जल्दबाजी में किया गया यह समझौता 80 घंटे भी नहीं चल सका था, जिससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का मार्ग प्रशस्त हुआ।
सूत्र के मुताबिक, ‘शिंदे का विद्रोह, 2019 में अजीत पवार के विद्रोह के समान है। शिंदे समूह को अधिकतम 12 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते, भाजपा के साथ गठबंधन में शिवसेना के खाते में इतने ही मंत्री पद गए थे। शिंदे समूह को जिन विभागों का आवंटन किया जा सकता है, उनमें पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास शामिल हैं। कुछ अन्य जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती है, उन्हें सांविधिक बोर्डों और निगमों में समायोजित किया जा सकता है।
हालांकि, महाराष्ट्र भाजपा के उपाध्यक्ष माधव भंडारी सावधानी बरतते हुए कहते हैं, ‘हम मौजूदा स्थिति के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहते। जरूरत पड़ी तो फडणवीसजी केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में आगे से नेतृत्व करेंगे. अगली सरकार के गठन पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को संदेश दे दिया है कि वह मौजूदा गठबंधन से बाहर निकलें और भाजपा के साथ सरकार बनाएं, तो यह विद्रोह थम जाएगा।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- आज भी हमारी पार्टी मजबूत है। किस हालात और किस दबाव में उन लोगों ने हमारा साथ छोड़ा उसका खुलासा जल्द होगा… हमारे संपर्क में लगभग 20 विधायक हैं और जब वे मुंबई आएंगे तब इसका खुलासा होगा। जो ED के दबाव में पार्टी छोड़ता है वह बालासाहेब का भक्त नहीं हो सकता।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा- मैं किसी खेमे की बात नहीं करूंगा, अपनी पार्टी की बात करूंगा। हमारी पार्टी आज भी मजबूत है… करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं… जब वे मुंबई आएंगे तो आपको पता चलेगा… जल्द ही पता चल जाएगा, किन परिस्थितियों में इन विधायकों ने हमें छोड़ दिया।
राकांपा प्रमुख शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड और पार्टी नेता सुनील तटकरे के बीच बैठक चल रही है। बैठक एनसीपी प्रमुख के आवास पर हो रही है।
उन्होंने आगे कहा- एक भाजपा पार्टी थी अटल बिहारी वाजपेयी साहब की जिसने 1 वोट कम होने की वजह से सरकार को लात मार दी और दूसरी भाजपा पार्टी ये है जो जोड़-तोड़ की सरकार बनाने में और विधायक खरीदने में विश्वास रखती है।