दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में कल गुरुवार को निर्भया केस के आरोपी मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई चली, इस दौरान कोर्ट ने कहा कि, 22 जनवरी तक दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती, क्योंकि उनकी दया याचिका राष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल के पास लंबित है। कोर्ट ने कहा कि, दया याचिका लंबित होने के कारण डेथ वॉरंट पर स्वत: ही रोक लग गई है। नई तारीख क्या होगी, जेल अथॉरिटीज के जवाब से तय होगा। वहीं अब इस केस में हो रही देरी पर निर्भया के पिता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है।
बताते चलें कि गुरुवार को मुकेश की दया याचिका फैसला न होने की दलील मानते हुए कोर्ट ने कहा कि, राष्ट्रपति का फैसला जब तक नहीं आता है, तब तक फांसी नहीं दी जा सकती है। चूंकि राष्ट्ररति से दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले कम से कम 14 दिनों का वक्त मिलता है, ऐसे में डेथ वॉरंट में तय तारीख 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकेगी।
केस में हो रही देरी में निर्भाय की मां आशा देवी केजरीवाल सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, सरकार चुप है, कोर्ट चुप है, कानून में कमियां हैं। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2017 में आ गया, तब मैं दिल्ली सरकार के पास गई, केंद्र के पास गई। आखिर दोषियों को इतना अधिकार क्यों? इसके साथ ही दिल्ली सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्भया की मां ने कहा कि, 2012 में जब घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने तिरंगे लेकर और काली पट्टी बांधकर खूब नारे लगाए। आज यही लोग बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
मैं यह कहना चाहूंगी कि ये लोग अपने फायदे के लिए उनकी फांसी को रोके हैं। मैं प्रधानमंत्रीजी से यही कहना चाहती हूं कि आपने जिस तरह से तमाम काम किए हैं, उसी तरह बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दीजिए।