रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी
नई दिल्ली: अक्सर हम भगवान की पूजा पूरे भक्ति-भाव से करते हैं, लेकिन हमें पता ही नहीं होता कि भगवान को क्या अर्पित करना चाहिए । इसी तरह कई लोग होते हैं, जो भगवान शिव की शिवलिंग पर दूध अर्पित करते हैं । हालांकि, उन्हें यह मालूम नहीं होता है कि शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ।
भगवान शिव की शिवलिंग पर दूध अर्पित करने के पीछे एक पौराणिक कथा है । दरअसल, समुद्र मंथन के दौरान जब विष की उत्पत्ति हुई थी । जिसके चलते पूरे संसार में हाहाकार मच गया था । इस प्रकोप से बचने के लिए सभी लोग भगवान शिव की शरण में आ गए, क्योंकि विष की तीव्रता को सहने की ताकत केवल भगवान शिव में थी । जिसके बाद शिव ने संसार के कल्याण के लिए विषपान कर लिया था । विषपान करने के बाद भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया था ।
विष के घातक प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान शिव से दूध ग्रहण करने का आह्वान किया । जिसके बाद शिव ने दूध पीया, जिससे उनकी तीव्रता काफी कम हो गई, लेकिन उनका कंठ हमेशा के लिए नीला हो गया । कंठ नीला पड़ने के बाद से भगवान शिव नीलकंठ के नाम से जाने जाने लगे।
भगवान शिव की पूजा में दूध का विशेष महत्व है। गाय का दूध सबसे पवित्र और उत्तम माना जाता है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।