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JNU हिंसा के लिए लेफ्ट, कांग्रेस के नेता जिम्मेदार, कैंपस में जाकर करते हैं राजनीति- गिरिराज सिंह

By RNI Hindi Desk 
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देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान JNU कभी अपनी बेहतरीन शिक्षा के लिए जाना जाता था। इस संस्थान में पढ़ने का सपना हर किसी छात्र का होता था लेकिन आज JNU अपने बेहतरीन शिक्षा के बजाय हिंसा और मारपीट के लिए जाना जाने लगा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को कुछ नकाबपोशों ने छात्रों और शिक्षकों के साथ मारपीट की जिसके बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है। इस हिंसा के बाद कांग्रेस औऱ लेफ्ट के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जबकि बीजेपी इसे विपक्षी दलों की साजिश करार दिया है।

बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस हिंसा के लिए राहुल गांधी समेत कांग्रेस औऱ लेफ्ट के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग जेएनयू जाकर राजनीति करते हैं, जिसके कारण यह नौबत आई है। लेफ्ट के छात्र जेएनयू का नाम खराब कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने इस पूरे मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यह हिंसा उनके इशारे पर हुई है। जबकि केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने भी केंद्र सरकार को इस हिंसा का जिम्मेदार बताया है साथ ही उन्होने छात्रों की आवाज सुनने की वकालत की है।  

वहीं राहुल गांधी ने इस पूरे मामले पर निराशा जाहिर की और ट्वीट कर कहा कि, नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया यह हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर छात्रों की आवाज से डरती है। जेएनयू में हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।

दूसरी तरफ प्रियंका गांधी वाड्रा ने जएनयू में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के एम्स में पहुंची। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, अब मोदी- शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहे हैं, जिन्हें बेहतर भविष्य की तैयारियों में लगे होना चाहिए…इन जख्मों को बढ़ाते हुए बीजेपी नेता मीडिया में ऐसा दिखा रहे हैं कि जेएनयू में हिंसा करने वाले उनके गुंडे नहीं थे। वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सवाल किया कि नकाबपोश लोगों को कैंपस में घुसने की इजाजत कैसे दी गई। वाइस चांसलर क्या कर रहे थे, पुलिस क्यों बाहर खड़ी थी, गृहमंत्री क्या कर रहे थे? ये तमाम सवाल है जिसकी जांच की जरूरत है।

वहीं स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव पर जेएनयू परिसर के बाहर रविवार को हमला किया गया। योगेंद्र यादव ने कहा कि गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात करने नहीं दिया गया।

वहीं JNU के पूर्व छात्र तथा केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर औऱ निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की है। सीतारमण ने कहा कि हिंसा की यह तस्वीरें भयावह है और सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बना रहे।




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