सुदर्शन टीवी के एक विवादित प्रोग्राम के मामले में अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि टीवी से पहले डिजिटल मीडिया के लिए नियम और कानून बनाने होंगे।
रकार ने बताया है कि डिजिटल मीडिया जहरीली नफरत फैलाते हुए जानबूझकर न केवल हिंसा, बल्कि आतंकवाद को भी बढ़ावा दे रहा है. वेब आधारित डिजिटल मीडिया कई संस्थानों की छवि को को गंदा कर रहा है और और यह बेहद खतरनाक है।
दिन में स्टूडियो के बिंदास बोल के लिए तैयारी करनी होती हैं।
रात्रि में कोर्ट में बिंदास बोल के लिए तैयारी करनी पड़ती हैं। #UPSC_Jihad को रोकने के लिए दिन रात लगे हैं। आज दोपहर २ बजे सुनवाई हैं। देखते हैं क्या होता हैं….
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) September 20, 2020
इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा है कि वह मुख्यधारा के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के नियमन के लिए कोई दिशा निर्देश तय नहीं करे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को सुदर्शन TV के शो ‘UPSC जिहाद’ के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने इस पुरे मामले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि ऐसे किसी भी प्रोग्राम का प्रसारण करने की छूट नहीं दी जा सकती है।
टीवी डिबेट की तरीके पर भी कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। इसके अलावा सुदर्शन न्यूज ने कहा है कि जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया आतंकी संगठनों और उससे जुड़े व्यक्तियों से आर्थिक मदद लेकर उससे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षाओं के लिए एक समुदाय विशेष के युवकों की तैयारी कराता है।
The affidavit states that just adjacent to the NDTV programme caption i.e. “‘Hindu’ Terror: Myth or fact?”, a Hindu Saint was shown with ‘Tilak’ and ‘Chillam’ and also
a ‘Trishul’ (one of most scared symbols for Hindus and associated ‘Lord Shiva’)."#FreeSpeech #bindaasbol pic.twitter.com/GaC7ATAoOE— Bar & Bench (@barandbench) September 20, 2020
सुदर्शन टीवी ने कहा है कि जकात फाउंडेशन को ब्रिटेन के मदीना ट्रस्ट, मुस्लिम एड जैसे संगठनों से 2009 से 2017 के बीच करोड़ों रुपये की आर्थिक मिली।
जाकिर नाइक से जुड़े संगठनों ने भी फाउंडेशन की मदद की। ये सभी संगठन और व्यक्ति किसी न किसी तरह से तालिबान, अल कायदा और तमाम आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। मदीना ट्रस्ट के दो ट्रस्टी के नाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची में शामिल हैं।
किस ने बदनाम किया मुसलमानों को ?
सुदर्शन ने या कट्टरपंथियों ने ?
देखिये रात 8 बजे #BindasBol में @zafarsareshwala और @SureshChavhanke जी के साथ… pic.twitter.com/ybCQQpRFkA
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) September 19, 2020
उन्होंने यह भी बताया है कि जकात फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक साल 2009 से 2017 के बीच उसके यहां कोचिंग करने वाले 119 अभ्यर्थी आइएएस, आइपीएस और यूपीएसकी की अन्य सेवाओं के लिए चुने गए।