मध्य प्रदेश की कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान ने रविवार को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था लेकिन इसके कुछ देर बाद ही इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने पोस्ट के जरिये इस्तीफा वापस लेने की भी घोषणा कर दी।
मध्य प्रदेश की कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान ने रविवार को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था लेकिन इसके कुछ देर बाद ही इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने पोस्ट के जरिये इस्तीफा वापस लेने की भी घोषणा कर दी। नूरी खान ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को एक पत्र के माध्यम से कहा था कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस अल्पसंख्यक समाज के प्रति भेदभाव कर रही है। पार्टी इस वजह से इस समाज के लोगों को मौका नहीं दे रही क्योंकि ये लोग अल्पसंख्यक समाज से हैं।
नूरी खान का कहना था कि इस बारे में आप स्वयं तथ्यात्मक रूप से आकलन करे, मैं कोई राजनीतिक आरोप नहीं लगा रही हूं। इस राज्य के जिलों में कांग्रेस कमेटियों के अंदर कितने अध्यक्ष ऐसे हैं जो अल्पसंख्यक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
राज्य के अग्रिम संगठनों में भी प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं है। मैं खुद ये महसूस करती हूं कि मेहनत और लगन से कार्य करने के बावजूद भी मुझे जिम्मेदार पदों पर नहीं बैठाया गया।
नूरी ने आगे कहा कि ये स्थिति मेरे जैसे प्रत्येक कार्यकर्ता के साथ है। सांप्रदायिक संगठनों से लड़ने वाली बात महज कागजों तक ही सीमित है। जब हम अपनी पार्टी में ही इसका पालन नहीं करवा सकते तो इसका मतलब शायद हम अपनी विचारधारा से विमुख हो रहे हैं।
ऐसे में मेरे लिए यहां काम कर पाना मुश्किल है। मैं व्यक्तिगत रूप से कृतज्ञता व्यक्त करती हूं और अपने सभी कांग्रेस के पदों से इस्तीफा दे रही हूं। नूरी ने राहुल गांधी को भी ट्वीट करते हुए अपने इस्तीफे की प्रति सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक और केसी वेणुगोपाल को भी भेजी।