केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटे बाद पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की अपनी नौकरी पर लौट गई हैं! इसके बाद यह खबर सुर्खियों में आई कि साक्षी मलिक ने आंदोलन वापस ले लिया है। वहीं कुछ देर बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा कि यह खबर बिल्कुल गलत है। उन्होंने लिखा, 'इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है।
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटे बाद पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की अपनी नौकरी पर लौट गई हैं! इसके बाद यह खबर सुर्खियों में आई कि साक्षी मलिक ने आंदोलन वापस ले लिया है। वहीं कुछ देर बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा कि यह खबर बिल्कुल गलत है। उन्होंने लिखा, ‘इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।’ बता दें कि पहलवान साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया भी भारतीय रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस चले गए हैं। इससे पहले आंदोलन कर रहे पहलवान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। जहां उनकी करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि कानून अपना काम कर रहा है, आरोपों की जांच की जा रही है। अगर इसमें कोई भी दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान पिछले काफी दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। नाबालिग पहलवान के केस करने के बाद पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। 28 मई को पहलवानों के इस आंदोलन में नया मोड़ आया। जब नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस की धक्कामुक्की हुई और पहलवानों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का सारा सामान हटवा दिया। इससे नाराज पहलवान अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंच गए। जहां किसानों ने सरकार को मामला सुलझाने के लिए पांच दिन का वक्त दिया। लेकिन इसके बाद पहलवानों ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया है।
इस पूरे घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो FIR दर्ज की थीं। जिसमें एक में नाबालिग पहलवान के पिता की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इससे पहले उन्होंने इसी मामले को लेकर जनवरी में धरना दिया था। लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया था। बताया जा रहा है कि अब यह मामला पहलवानों के खिलाफ जा सकता है, क्योंकि नाबालिग शिकायतकर्ता के बालिग होने के साथ यह भी खुलासा हुआ है कि उसे नाबालिग बताने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे। बृजभूषण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए नाबालिग होना ही मुख्य आधार बनाया गया था।