नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार भी बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रही है। इस बीच बुधवार शाम एक दुखद घटना घटी, जहां सिघु बॉर्डर पर किसान और संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली।
जिस पर अब सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने भी इस घटना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
घटना के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि।
करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि।
कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है।
ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो! pic.twitter.com/rolS2DWNr1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
उन्होंने आगे कहा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। साथ ही मोदी सरकार भी क्रूरता की हर हद को पार कर चुकी है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वो जिद छोड़कर तुरंत कृषि विरोधी कानून को वापस ले लें।
बाबा राम सिंह किसान होने के साथ एक संत भी थे। जिनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। किसानों के समर्थन में वो सिंघु बॉर्डर पहुंचे और वहां खुद को गोली मार ली, जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता, तब तक उनकी मौत हो गई थी। किसान संगठन इस घटना के लिए मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को जिम्मेदार बता रहे हैं।