सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को हाईकोर्ट के फैसले में दखल न देते हुए शिक्षामित्रों की दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अब 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति शांतनु और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बेसिक बोर्ड की ओर से पेश हुए राकेश मिश्रा ने को कुछ बोलने की जरूरत नहीं पड़ी।
शिक्षामित्रों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने अदालत में दलीलें रखते हुए कहा कि एकल पीठ ने हमारे दावे के समर्थन में फैसला किया था लेकिन डिविजन ने हमारे पक्ष में पूरी तरह से नहीं सुना।
शिक्षामित्रों की तरफ से दलीले देते हुए रोहतगी ने कहा कि परीक्षा के बाद नया कटआॅफ भी तय किया गया है। इस पर न्यायमूर्ति ललित ने पूछा कि क्या कटआॅफ विज्ञापन का हिस्सा था? जवाब में रोहतगी ने कहा नहीं। जिसके बाद रोहतगी की सभी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।