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UP: धर्मांतरण केस मामले में बड़ा खुलासा, गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था यह अधिकारी!

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के नोएडा में धर्म परिवर्तन कांड के खुलासे के बाद लगातार इसमें नये मोड़ सामने आ रहे है। अब इस मामले में जांच एजेंसियों को एक और सुबूत हाथ लगा है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि केंद्र सरकार के बाल औऱ महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी भी आरोपियो की मदद करता था। हालांकि यह अधिकारी कौन है इसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है।

आरोपियों को गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर देता था अधिकारी

यूपी एटीएस ने सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके सनसनीखेज खुलासा किया था कि मूक और बघिर लोगों समेत पिछड़े और गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस मामले मे गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अहम खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियो को पता चला है कि इस साजिश में केंद्र सरकार के बाल महिला कल्याण का एक अधिकारी भी शामिल है और यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौनसे लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है।

जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि अब जांच एजेंसियां इस अधिकारी से पूछताछ की तैयारी कर रही है कि यह अधिकारी इन लोगों की मदद पैसे लेकर करता था या फिर वो भी इस रैकेट का हिस्सा था, क्योंकि यह अधिकारी भी पहले हिंदू था जो इस मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की तरह बाद में धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन गया था।

मामले में हो रही थी विदेशी फंडिग

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जांच एजेंसियों को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं, जो साफ तौर पर विदेशी फंडिग को साबित करते हैं ऐसा ही एक अहम सबूत जो बताता है कि गिरफ्तार उमर गौतम के संगठन इस्लामिक दावाह सेंटर को खाड़ी देश दोहा कतर से पचास हजार रुपये का डोनेशन मिला है और यह डोनेशन मिसिज अफरीन साहिबा ने दिया है।

सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के पास ऐसे अनेको दस्तावेज हैं, जिनमे देश विदेश से आए डोनेशन की जानकारी है। हालांकि इस बात की भी जांच की जा रही है कि इनमें कितना डोनेशन संदेहास्पद है। यानि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर डोनेशन दिया गया हो। जांच एजेंसियां इस मामले मे ईडी और आयकर विभाग की भी मदद लेने जा रही हैं।

दूसरे संगठन की भी भूमिका खुलकर सामने आई

जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब दूसरे संगठन की भूमिका भी खुलकर सामने आ गई है। लिहाजा उस संगठन के प्रमुख की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। इस संगठन के प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा कहा जाता है और इसका मुख्यालय भी इस मामले में गिरफ्तार उमर गौतम के कार्यालय के पास दिल्ली में ही है।

सूत्रों का दावा है कि दूसरे संगठन के मुखिया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले के तार और सुलझ जायेगे। साथ ही जल्द ही केंद्र सरकार के मंत्रालय मे तैनात अधिकारी को भी पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी की जा रही है।

गौरतलब है कि सीएम योगी धर्मांतरण मामले में आरोपियों पर NSA लगाने की बात कही है।

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