जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए छठे चरण का मतदान आज सुबह शुरू हो गया। बर्फबारी की वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है और कोहरा छाया हुआ है, ऐसे में सुबह अधिक लोग मतदान करने नहीं आए। इससे मतदान की धीमी शुरुआत हुई।
छठे चरण में जम्मू के सांबा जिले के रिगाल गांव के लोगों ने भी वोट डालें, जहां से पाकिस्तान नहीं टनल खोदकर कर इन चुनाव में गड़बड़ी फैलाने के लिए आतंकी भेजे थे।
जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की जड़े मजबूत करने के मकसद से कराए जा रहे जिला विकास परिषद के चुनाव में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
रविवार को ठंड और कोहरे के बावजूद सुबह से ही लोगों ने घरों से निकलकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। छठे चरण में जम्मू के सांबा जिले के सीमावर्ती इलाकों में भी वोट डाले गए जहां से पाकिस्तान की सीमा की दूरी महज कुछ मीटर की है।
सांबा सेक्टर में उस गांव के लोगों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया जहां से पाकिस्तान ने टनल खोदकर चार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ करवाई थी।
आप को बता दे की मीडिया से बातचीत के दौरान गांव के लोगों का दावा है कि पाकिस्तान इस इलाके में गोलीबारी करता है और सुरंग खोद कर आतंकी भी भेजता है और उसकी मंशा इन चुनाव में गड़बड़ी फैलाने की है।
लेकिन, यहां के लोग भारी संख्या में इस मतदान में भाग लेकर न केवल पाकिस्तान को बल्कि चीन और गुप्कार गैंग को भी यह संदेश दे रहे हैं कि जम्मू के लोगों का विश्वास लोकतंत्र में है और इस लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए वह ठंड और आतंकी चिंता न करते हुए घरों से बाहर आकर वोट दे रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी में 14 और जम्मू संभाग में 17 डीडीसी सीटों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ लेकिन घाटी में कड़ाके की ठंड की वजह से मतदान केंद्रों पर सुबह कम लोग ही मतदान के लिए आए।
आप को बता दे कि अधिकारियों के अनुसार, ऐसी संभावना है कि बाद में दिन में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हो सकती है। मतदान दोपहर दो बजे संपन्न होगा। छठे चरण में 2,000 मतदान केंद्रों पर करीब 7.5 लाख मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को हुआ था।