आज स्वतंत्र भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का जन्मदिन है। इस मौके पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए लिखा हमारे संविधान द्वारा निर्मित मजबूत नींव पर खड़ी लोकतांत्रिक संस्थाएं हमारे राष्ट्र में चहुंमुखी प्रगति और समृद्धि के लिए मार्गदर्शक हैं। क्या इन संस्थानों को खत्म कर दिया जाना चाहिए, हमारे लोकतंत्र का सामना खुद करना होगा।
The democratic institutions erected on strong foundations built by our Constitution are the guiding lights to all-round progress & prosperity in our nation. Should these institutions be eroded, our democracy itself will face peril.#CongressKeVichaar pic.twitter.com/tBe5SpF4gs
— Congress (@INCIndia) December 19, 2020
वो साल 2007 से लेकर 2012 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रही। उनका जन्म 19 दिसम्बर 1934 को महाराष्ट्र के नाडगांव जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री नारायणराव पाटिल था। साड़ी और बड़ी सी बिंदी लगाने वाली यह साधारण पहनावे वाली महिला राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती थीं।
उन्होंने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढा़ई पूरी की थी। प्रतिभा पाटिल को आजादी के साठ साल बाद भारत की पहली राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वो भारत की 12वीं राष्ट्रपति बनी। 7 जुलाई 1965 में उन्होंने डॉ. देवीसिंह रणसिंह शेखावत से शादी रचा ली।
प्रतिभा पाटिल ने पहली बार जलगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें सफलता मिली। इसके बाद वो चार बार इदलाबाद क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुनी गई।
उन्होंने साल 1985-90 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में अपनी सेवा प्रदान की। वहीं साल 1991 में लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
आप को बता दे कि प्रतिभा पाटिल को विभिन्न श्रेणियों में इससे पहले भी कई भारतीयों को यह पुरस्कार दिया गया है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, उद्योगपति रघुपत सिंघानिया, मुंबई में मैक्सिको के महावाणिज्य दूत रज्जू श्रॉफ और अन्य शामिल।
इसके अलावा 1 जून 2019 को भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया।
यह पुरुस्कार मेक्सिको के राजदूत मेल्बा प्रिआ ने पुणे के एमसीसीआईए भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पाटिल को प्रदान किया। प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी। इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था।