रिपोर्ट: सत्यम दुबे
रायपुर: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना महामारी का एक खौफनाक मंजर छत्तीसगढ़ से सामने आया, जिसे जानकर आप भी चौंक जायेंगे। राज्य के राजनांदगांव जिले में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड सेंटर में दो सगी बहनों सहित चार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। हालात यह था कि इनकी मौत के बाद भी सरकारी सिस्टम शवों को ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था तक नहीं पाया। आखिर में चारों लाशों को अंतिम संस्कार के लिए नगर पंचायत के कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ी में रखकर श्मशान तक ले जाया गया।
आपको बता दें कि मामला डोंगरगांव कोविड सेंटर का है, यहां के आसरा गांव की रहने वाली दो सगी बहनों को उनके परिजनों ने मंगलवार दोपहर को भर्ती कराया था। दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। ऑक्सीजन लेवल डाउन हो रहा था। दोनों को सिलेंडर तो लगाया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। एक ने 9 बजे दम तोड़ दी, तो वहीं दूसरी की मौत रात डेढ़ बजे हो गई।
आपको बता दें कि दोनों सगी बहनें, देवरानी और जेठानी हैं। दोनो की मौत होने के बाद अस्पताल के बीएमओ ने नगर पंचायत से शव ले जाने के लिए वाहन की मदद मांगी, नगर पंचायत के अफसरों ने कचरा कलेक्शन करने वाला वाहन भेज दिया। इस स्थिति में परिजन अपनी बेटियों की लाशें उसमें रखकर मुक्तिधाम तक ले गए।
सरकार का बेबस सिस्टम और मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह तस्वीर रायपुर के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के मर्चुरी की है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि शवों को श्मशान घाटों तक ले जाने के लिए माल ढोने वाले ट्रक में ले जाने पड़े। एक दर्जनके आस-पास शव को अंतिम संस्कार के लिए ट्रक के माध्यम से ले जाया गया।
ये तस्वीरें ही लापरवाही को बयां करने लिए काफी है, जो रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के कोविड वार्ड की है। यहां रोजाना 20 कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है। शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेजने में इतनी देरी होने के कारण फ्रीजर की कमी होने पर शव सड़ने लगे हैं और उनमें कीड़े भी लगने लगे हैं। कचड़े की तरह शवों की यह तस्वीर भी रायपुर की है। जहां शवों से जब मुर्दा घर भर गया तो बाहर लावारिस हालत में लाशें पड़ी हैं, जिनको देखने वाला तक नहीं हैं।
राज्य में सबसे ज्यादा स्थिति गड़बड़ राजधानी रायपुर की है। जहां संक्रमित मरीजों से लेकर मरने वालों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। शहर में शव जलाने के लिए श्मशानों में लंबी कतारे लगी हुई हैं। ऐसी ही एक तस्वीर रायपुर के महादेव घाट स्थित मुक्तिधाम की सामने आई है। जहां पर शवों को जलाने के लिए जब शेड में जगह नहीं बची तो नीचे ही दाह संस्कार किया गया।