संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले में शहीद हुए लोगों के बलिदान और वीरता को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है।
आज से 19 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने संसद पर हमला किया था। संसद के परिसर में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने इस हमले मुकाबला करते हुए सभी आतंकियों को मार गिराया था।
आज के दिन को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद किया है, जिन्होंने संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई थी।
वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभपति हरिवंश राय ने शहीदों को संसद परिसर में जाकर श्रद्धांजलि दी।
शहीदों को याद करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘देश उन बहादुर शहीदों को कृतज्ञतापूर्वक याद करता है जिन्होंने 2001 में आज के दिन संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। हमारे लोकतंत्र के मंदिर के उन रक्षकों के महान बलिदान को याद करते हुए, हम आतंकी ताकतों को हराने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं।’
The nation gratefully remembers the brave martyrs who laid down their lives defending the Parliament on this day in 2001. While commemorating the great sacrifice of those defenders of the temple of our democracy, we strengthen our resolve to defeat the forces of terror.
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 13, 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीर सपूतों को याद करते हुए कहा, ‘2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।’
Paid floral tributes to the brave martyrs who laid down their lives while protecting our parliament in 2001 terrorist attack.
I bow to their exemplary courage and sacrifice. pic.twitter.com/oSffVIpIdf
— Amit Shah (@AmitShah) December 13, 2020
उन्होंने आगे लिखा 2001 के आतंकवादी हमले में हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले बहादुर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। मैं उनके अनुकरणीय साहस और बलिदान को नमन करता हूं।
Paid floral tributes to the brave martyrs who laid down their lives while protecting our parliament in 2001 terrorist attack.
I bow to their exemplary courage and sacrifice. pic.twitter.com/oSffVIpIdf
— Amit Shah (@AmitShah) December 13, 2020
राजनाथ सिंह ने लिखा, ‘साल 2001 में आज के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले का डट कर मुकाबला करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षा कर्मियों के पराक्रम एवं शौर्य को मैं नमन करता हूं। उनकी शौर्यगाथा को इस देश की आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।’
साल २००१ में आज के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले का डट कर मुक़ाबला करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षा कर्मियों के पराक्रम एवं शौर्य को मैं नमन करता हूँ। उनकी शौर्यगाथा को इस देश की आने वाली पीढ़ियाँ भी याद रखेंगी।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 13, 2020
इस हमले के दौरान दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिलाकर्मी, संसद परिसर में तैनात एक वॉच एंड वार्ड कर्मचारी और एक माली शहीद हो गए थे। वहीं सुरक्षाबलों की कार्रवाई में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादी मारे गए थे।
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद पर हमला किया था। ये पांचों आतंकी एक सफेद एंबेसडर कार में आए थे। संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था।
उस दौरान सैकड़ों सांसदों समेत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी भी संसद में मौजूद थीं। आतंकियों की इस फायरिंग से कई जवान शहीद हुए थे और सुरक्षाबलों ने उसी दिन पांचों आतंकियों को मार गिराया था।
इस हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसे बाद में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। मोहम्मद अफज़ल गुरु को 9 फ़रवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।