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पीएम बोले इन फ्रेट कॉरिडोर से किसान रेल को भी फायदा होगा

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के खुर्जा-भाऊपुर सेक्शन का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश में मौजूद ये सेक्शन करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।

इस दौरान देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है। भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। आज हम आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं।

उन्होंने कहा प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है। ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। इसमें मैजेनमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है।

मोदी ने कहा आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है।

मोदी ने कहा हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमीं होती है। ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी।

पीएम ने कहा गाड़ी ट्रेनों के लिए ये विशेष गलियारे यात्री ट्रेनों को समय पर चलाना सुनिश्चित करेंगे। यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी गाड़ियां 3X की गति से चल सकती हैं और वे 2X भार क्षमता ले जा सकेंगी।

मोदी ने कहा ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे। उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है।

पीएम बोले इन फ्रेट कॉरिडोर से किसान रेल को भी फायदा होगा। 100 वीं किसान रेल अभी शुरू की गई है। इस फ्रेट कॉरिडोर के लॉन्च के साथ, किसान रेल तेजी से चलेगी।

उन्होंने कहा विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा।

उन्होंने कहा कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरु की गई है। किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है। अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी।

पीएम ने कहा इस परियोजना को पिछले सरकार के शासनकाल के दौरान 2006 में अनुमोदित किया गया था। यह 2014 तक केवल कागजों में मौजूद था। 2014 के पूर्व के केंद्र सरकार ने आवश्यक तात्कालिकता वाले राज्यों के साथ बात नहीं की। 2014 तक, रेलवे लाइनों का 1 किमी ट्रैक भी नहीं बिछाया गया था!

पीएम बोले भारत न केवल आधुनिक ट्रेनें बना रहा है, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में, रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 5,000 से अधिक नए रेलवे कोच बनाए हैं और निर्यात भी उसी से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा 2014 से पहले इस परियोजना के लिए जो पैसा भी स्वीकृत हुआ, वो सही तरीके खर्च नहीं हो पाया। 2014 में इस परियोजना के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया। अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के कहा गया, तो बजट करीब 45 गुना बढ़ गया।

उन्होंने कहा पहले फोकस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर रहता था, ताकि चुनावों में इसका लाभ मिले। लेकिन जिन पटरियों पर इन ट्रेनों को चलाना था, उन पर निवेश ही नहीं होता था।

मोदी ने कहा जो हम प्रदर्शनों और आंदोलनों में देखते हैं। ये मानसिकता देश की संपत्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की है। हमें याद रखना चाहिए ये संपत्ति किसी नेता या दल की नहीं, देश की है। समाज के हर वर्ग का इसमें पसीना लगा है।

उन्होंने कहा 2006 में नई फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दी गई थी और 2014 तक ये सिर्फ कागजों और फाइलों में बनती रही। 2014 में सरकार बनने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू किया गया। और अब कुछ ही महीनों में करीब 1,100 किमी का काम पूरा हो जाएगा।

मोदी ने कहा ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे। उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या उपभोक्ता, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है। औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है।

मोदी ने कहा आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 वर्षों से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है।

आपको बता दें कि वैसे तो ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब से बंगाल तक बन रहा है। लेकिन पीएम मोदी आज जिस सेक्शन की शुरुआत करने जा रहे हैं, वो यूपी में स्थित है। ये करीब 351 किमी. लंबा सेक्शन है, जो कि 5750 करोड़ रुपये की लागत से बना है।

इस ही के साथ आप को बता दे कि नया सेक्शन खुलने से कानपुर देहात, औरिया जिला, इटावा, फिरोजाबाद, हाथरस, खुर्जा और अलीगढ़ सेक्शन के छोटे कारोबारियों को फायदा होगा।

कानपुर देहात के पुखरायन इलाके की एल्युमिनियम इंडस्ट्री, औरैया जिले के डेयरी सेक्टर, इटावा के टेक्सटाइल और ब्लॉक प्रिंटिंग सेक्टर, फिरोजाबाद जिले की ग्लासवेयर इंडस्ट्री, बुलंदशहर के खुर्जा के पोटरी प्रोडक्ट, हाथ जिले के हींग प्रोडक्शन और अलीगढ़ के ताले और हार्डवेयर इंडस्ट्री के लिए ये सेक्शन बहुत सारे मौके लाएगा।

इस सेक्शन की वजह से कानपुर-दिल्ली रूट का ट्रैफिक भी कम होगा। साथ ही यह सेक्शन भारतीय रेलवे को और तेजी से ट्रेनें चलाने में मदद करेगा। पूरे EDFC के लिए प्रयागराज का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर एक कमांड सेंटर की तरह काम करेगा। बता दें कि ये सेंटर दुनिया भर में इस तरह के सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है।

इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका डिजाइन भी शानदार है। यह बिल्डिंग इको फ्रेंडली है और सुगम्य भारत योजना के तहत बनाई गई है।

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