रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच तकरार खत्म होने के नाम नहीं ले रहा है। चक्रवात यास के बाद पीएम मोदी बंगाल के दौरे पर थे, इस दौरान उन्होने बंगाल में एक मीटिंग ली थी। पीएम के इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय काफी देरी से पहुंचे थे और वापस भी चले गए थे। इसपर काफी बवाल हुआ, लेकिन, ममता बनर्जी ने कहा है कि वो इजाजत लेकर वापस गई थीं।
इस मामले में ममता बनर्जी की ओर से लगातार बयान दिए जा रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार भी इन सभी बयानों का जवाब दे रही है। केंद्र सरकार के सूत्रों की ओर से कुल नौ बयानों पर अपनी ओर से तथ्य सामने रखे गए हैं। क्या हैं वो बयान और क्या तथ्य दिए गए हैं, जानिए…
1 ममता का बयान: प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और मीटिंग के बारे में देरी से जानकारी दी गई। मैंने अपना शेड्यूल पीएम के कार्यक्रम की वजह से छोटा किया।
1 केंद्र का फैक्ट: पीएम की यात्रा साइक्लोन यास के डैमेज को लेकर थी, ऐसे में तूफान से पहले इसे फिक्स नहीं किया ज सकता था। साइक्लोन अम्फान के वक्त भी यही टाइमलाइन फॉलो की गई थी। ओडिशा, बंगाल को एक साथ जानकारी दी गई। ओडिशा ने काफी अच्छी तरह से तैयारी की, जबकि वहां का दौरा पहले हुआ।
2 ममता का बयान: मैंने पीएम के लिए इंतजार किया।
2 केंद्र का फैक्ट: पीएम कलईकुंडा में 1.59 बजे लैंड किए, जबकि ममता बनर्जी दोपहर 2.10 बजे वहां पर लैंड कीं। ये साफ होता है कि पीएम को ही इंतजार करना पड़ा। ये टीएमसी के सांसद के ट्वीट से साफ होता है कि जिन्होंने लिखा कि पीएम का इंतजार करना कोई बड़ी बात नहीं है। लैंडिंग के बाद सिर्फ 25 मिनट में वो पीएम से मिलीं, मीटिंग में रहीं और वापस चली गईं।
3 ममता का बयान: मेरे कार्यक्रम पहले से तय थे। ये जरूरी नहीं है कि हर बार सीएम ही प्रधानमंत्री को रिसीव करें, उसके अपने कार्यक्रम भी होते हैं।
3 केंद्र का फैक्ट: ममता बनर्जी ने मीटिंग में शामिल होने की बात की थी, लेकिन विपक्षी नेता के शामिल होने पर वह मुकर गईं। इससे साबित होता है कि पहले से तय कार्यक्रम कोई मुख्य कारण नहीं हैं।
4 ममता का बयान: सागर में उन्हें पीएम का हेलिकॉप्टर लैंड करने से पहले 20 मिनट इंतजार करना पड़ा।
4 केंद्र का फैक्ट: उनसे उम्मीद की जाती है कि वो पहले ही वहां मौजूद रहें, पीएम के पहुंचने से पहले सभी ऐसा ही करते हैं। पीएम की सुरक्षा एसपीजी के हाथ में है, जो एक प्रोफेशनल बॉडी है।
5 ममता का बयान: चीफ सेक्रेटरी को लेकर जारी आदेश से वह चकित हैं, इसमें राज्य सरकार की कोई सलाह नहीं ली गई। ये संविधान का उल्लंघन है।
5 केंद्र का फैक्ट: आदेश बिल्कुल सही है, चीफ सेक्रेटरी ऑल इंडिया कैडर के अफसर हैं। उन्होंने अपनी संवैधानिक ड्यूटी का पालन नहीं किया, ऐसे में पीएम को कोई प्रेंजेटेशन नहीं दी गई और ना ही बंगाल सरकार का कोई व्यक्ति मीटिंग में रहा। चीफ सेक्रेटरी का रिटायरमेंट बताता है कि ममता बनर्जी बैकफुट पर हैं।
6 ममता का बयान: कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने चीफ सेक्रेटरी का कार्यकाल बढ़ाया, दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद ये फैसला लिया गया।
6 केंद्र का फैक्ट: केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर ये फैसला किया।
7 ममता का बयान: पीएम-सीएम की मीटिंग में एक लोकल विधायक को शामिल किया गया। केंद्रीय मंत्री या गवर्नर के शामिल होने पर आपत्ति नहीं जताई।
7 केंद्र का फैक्ट: वह लोकल विधायक विधानसभा में विपक्ष का नेता है, साथ ही उनके इलाकों में भी हानि हुई है। ऐसा कई मौकों पर हुआ है जब सरकार के अलावा अन्य पार्टियों के नेता मीटिंग में शामिल हुए हैं।
8 ममता का बयान: चीफ सेक्रेटरी ने मीटिंग से पहले ही इस बारे में आपके सहयोगी अधिकारी को बताया गया, लेकिन उस तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
8 केंद्र का फैक्ट: ममता बनर्जी ने सिर्फ विपक्ष के नेता के कारण बैठक का बॉयकॉट किया. केंद्र ने इसमें कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि रिव्यू मीटिंग के बाद पीएम को सीएम से मिलना था.
9 ममता का बयान: मैंने मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी के साथ प्रवेश किया, रिपोर्ट पीएम को दी और उनसे ही परमिशन लेकर दीघा के लिए रवाना हुई।
9 केंद्र का फैक्ट: प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी को बैठक छोड़ने की परमिशन नहीं दी थी।