मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामले में तीन बीजेपी विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की तैयारी चल रही है। बीजेपी विधायकों पर दर्ज केस को वापस लेने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अर्जी दी है। सरकार के इस कदम को लेकर AIMIM के सुप्रीमो और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को अपने ट्वीट में लिखा, “2017 में उत्तर प्रदेश के सीएम ने खुद उनके खिलाफ दर्ज कई मुकदमों को वापस ले लिया था। अब वो उनके बाक़ी साथियों के साथ खड़े हैं। जब सरकार ही अपराधियों की हो जाये तो सबसे पहला ‘एनकाउंटर’ इंसाफ का होता है। ”
बसपा सुप्रीमो और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ओवैसी से इतर रुख अपनाया है। मायावती ने ट्वीट में कहा, “उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लोगों के ऊपर “राजनैतिक द्वेष” की भावना से दर्ज मुकदमे वापस होने के साथ ही सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापस होने चाहिए. बीएसपी की यह मांग है।”
यू.पी. में बीजेपी के लोगों के ऊपर ’’राजनैतिक द्वेष’’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 25, 2020
इससे पहले मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े मामले में प्रदेश के बीजेपी विधायकों को बड़ी राहत मिल सकती है। कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिल देव के खिलाफ दर्ज केस योगी सरकार ने वापस लेने का फैसला लिया है।
सरकारी वकील राजीव शर्मा की ओर से मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दी गई है। फिलहाल कोर्ट ने मुकदमा वापसी की अर्जी पर कोई फैसला नहीं दिया है।
7 सितंबर 2013 को नंगला मंदौड़ की महापंचायत के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिल देव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन तीनों बीजेपी नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी और तोड़फोड़ की कई धाराएं लगाई गई थीं।
यह महापंचायत मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की हत्या के बाद बुलाई गई थी। मुजफ्फरनगर दंगों में करीब 65 लोगों की मौत हुई थी और 40 हजार के ज्यादा लोगों को दंगों के कारण विस्थापित होना पड़ा था।
27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप शाहनवाज कुरैशी नाम के युवक पर लगा था।
सचिन और गौरव की हत्या के बाद 7 सितंबर 2013 को नगला मंदोर गांव के इंटर कॉलेज में जाटों द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी। आरोप है कि इस महापंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था।