कांग्रेस पार्टी 28 दिसंबर को पूरे देशभर में काफी जोर शोर से पार्टी का 136वां स्थापना दिवस मनाएगी। पार्टी की तरफ से सभी राज्य इकाईयों को इस बात के निर्देश प्रदान किए गए हैं। सभी इकाईयां को अपने-अपने दफ्तर में स्थापना दिवस पर कार्यक्रम करने एवं उसमें राज्यों के सभी सांसदों, विधायकों और दूसरे नेताओं को बुलाने हेतु बोला गया है।
संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रस्ताव में देशभर में कांग्रेस की सभी इकाईयों से 28 दिसंबर को विभिन्न जगहों पर “तिरंगा यात्रा” निकालने को बोला गया है।
इसके साथ ही इस दिन कांग्रेस अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर “सेल्फी विथ तिरंगा” कैंपेन भी चलाएगी। जिसमें सांसदों, विधायकों, राज्य इकाईयों के अध्यक्षों तथा तमाम दूसरे नेताओं को तिरंगे संग सेल्फी खींचकर इंटरनेट पर डालने को कहा गया है।
वहीं, कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष नितिन त्रिवेदी ने कांग्रेस को दुनिया की सबसे प्राचीन एवं लोकतांत्रिक पार्टी बतायी है। उन्होंने बोला कि इस अवसर पर कोंग्रेस के इतिहास, उसकी विचारधारा, उपलब्धियों से सभी वो अवगत कराया जाएगा।
यही नहीं इस दिन देश भर में सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे किसानों के समर्थन में भी जगह-जगह उतरने को कहा गया है।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शिववीर दुबे ने बताया कि 28 दिसंबर को पार्टी का 136 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए प्रांतीय नेताओं ने दिशा निर्देश दिए हैं। स्थापना दिवस के मौके पर जिले भर में पद यात्राएं निकाली जाएंगी। साथ ही पार्टी के वृद्ध कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।
स्थापना कार्यक्रम का प्रभार जिला कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष रविन्द्र प्रसाद सिंह को दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने में अपनी साकारात्मक भूमिका निभाएंगे।
बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारी ने एक निंदा प्रस्ताव पारित करके बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री द्वारा किसानों को दलाल कहने पर भर्त्सना किया। साथ ही कहा कि केंद्रीय मंत्री सह सांसद द्वारा दिए गए अमर्यादित भाषा व व्यवहार से लगता है कि काम करने की बजाए समाज की मर्यादा भंग करना ही उनकी प्राथमिकता है।
इस तरह के बयान से सांसद की मर्यादा और व्यक्तित्व पर हम सभी को आपत्ति है। किसी भी परिस्थिति में अमर्यादित भाषा का प्रयोग की इजाजत भारतीय समाज नहीं देता है। ये हमारे संस्कृति के विरुद्ध है, इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है।