रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान को अपनी नीति बदलने के साथ-साथ झुकने को मजबूर होना पड़ा है। इस मामले में पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के (समीक्षा और पुर्नविचार) अध्यादेश 2020 को स्वीकृति दी है। अब पाकिस्तान द्वारा सुनाये गये गैर संवैधानिक सजा के खिलाफ किसी भी हाईकोर्ट में अपील करने की इजाजत मिल गई है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के संबंध में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने के लिए एक विधेयक को पास कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई करते हुए अपने फैसले में असेंबली को प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था।
आपको बता दें जाधव साल 2016 से ही पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने कुलभूषण जाधव को इरान से अगवा कर लिया था। भारत सरकार ने बताया है कि कुलभूषण जाधव को पूर्व नेवी अफसर थे। इरान में वो एक बिजनेस डील के लिए गये हुए थे। यहीं से उनका अपहरण हुआ था और फिर उन्हें पाकिस्तान आर्मी के हवाले कर दिया गया था।
जबकि पाकिस्तान हमेशा यही आरोप लगाता रहा है कि वो एक भारतीय जासूस हैं। इसके साथ ही उसने आरोप लगाया है कि कुलभूषण पाकिस्तान में कई आतंकी हमले भी करवाए हैं। पाकिस्तान की एक मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को सजा-ए-मौत दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का रूख किया था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने भारत के पक्ष में फैसला दिया था। पाकिस्तान की जेल में बंद कुलदीप जाधव को काउंसलर मिल सका था।