पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के दोषियों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई चल रही है, जिसमें उन्होंने एक फरवरी को होने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान लोक अभिओजक इरफान अहमद ने दोषियों के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि, दोषियों की यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है।
कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि निर्भया के तीन दोषियों को एक फरवरी को फांसी देने के लिए उनकी तरफ से पूरी तैयारी है। तिहाड़ जेल का प्रतिनिधित्व कर रहे लोक अभियोजक इरफान अहमद ने इसके आगे कहा कि केवल एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी प्रकार से अवैध नहीं है। वहीं, अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही फैसला सुनाया जाएगा।
निर्भया केस के दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है। वहीं, मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है और उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। कोर्ट में अक्षय के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज हो चुकी है और वह इस मामले में दया याचिका डालना चाहता है।
एक अन्य दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका दे रखी है, जो पेंडिंग है। आज की सुनवाई में विनय की एक याचिका हाई कोर्ट में कोर्ट में पेंडिंग होने की दलील दी गई है। कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान वकीलों के बीच बहस भी हुई, इसपर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई।