रिपोर्ट:सत्यम दुबे
नई दिल्ली: कोरोना का दूसरा लहर ख़त्म होने की कगार पर खड़ा है, फिर भी कहर बरपाने से बाज नहीं आ रहा है। कोरोना महामारी ने देश का एक और धरोहर छीन लिया है। देश के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना महामारी के कारण 91 साल की उम्र में निधन हो गया।
आपको बता दें कि मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाना जाता था। मिल्खा सिंह के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें PGI चंडीगढ़ में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। पांच दिन पहले उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था। रात 11.40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
मिल्खा सिंह के निधन के साथ भारतीय खेल के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर देश और दुनिया के खेल प्रेमियों में शोक की लहर फैल गई।
इससे पहले रविवार को उनकी 85 वर्षीया पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर भी कोरोना से जंग हार गईं थीं। उनके निधन पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया था।
मिल्खा सिंह की तबियत खराब होने के बाद उन्हें 24 मई को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद 3 जून को ऑक्सीजन लेवल में गिरावट के बाद उनहें पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया।
मिल्खा सिंह के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने करियर में 4 बार एशियन गोल्ड मेडल का खिताब जीता है। इसके साथ ही कई और खिताब अपने नाम किये हैं। मिल्खा सिंह नेसाल 1956, 1960 और 1964 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। साल 1960 रोम ओलिंपिक का नाम आते ही मिल्खा सिंह की 400 मीटर की फाइनल रेस की यादें ताजा हो जाती हैं।
मिल्खा सिंह के निधन के बाद पीएम मोदी समेत कई लोगों ने शोक प्रकट किया है। पीएम मोदी ने कहा- मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया। अभी कुछ दिन पहले ही मेरी उनसे बात हुई थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी। उनके परिवार और दुनिया भर में कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।