किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली
हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली। जिस वजह से उनकी मौत हो गई हैं। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया हैं।
उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की हैं। सुसाइड नोट के मुताबिक, संत बाबा राम सिंह ने किसानों पर सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या की हैं। बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे।
संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों का दुख देखा, वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं. बहुत दिल दुखा हैं। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप हैं।
संत बाबा राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किए, यह जुल्म के खिलाफ आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ 21 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसानों में कई दौर की वार्ता हो चुकी, सभी बेनतीजा रहीं, किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. वहीं, सरकार संशोधन करने को तैयार है, लेकिन किसान इस प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं।
वहीं, बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित में जवाब दिया गया। किसान मोर्चा ने सरकार से अपील की है कि वो उनके आंदोलन को बदनाम ना करें और अगर बात करनी है तो सभी किसानों से एक साथ बात करें।
उधर, किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा है कि वो किसान संगठनों का पक्ष सुनेंगे, साथ ही सरकार से पूछा कि अबतक समझौता क्यों नहीं हुआ। अदालत की ओर से अब किसान संगठनों को नोटिस दिया गया हैं।
अदालत का कहना है कि ऐसे मुद्दों पर जल्द से जल्द समझौता होना चाहिए। अदालत ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा है, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें।