दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, अब तक तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसकी जांच हम कर रहे हैं। पहला- सर्वर रूम में तोड़फोड़, दूसरा रजिस्ट्रेशन समर्थकों से मारपीट, तीसरा- हॉस्टल में घुसकर हमला।
पुलिस ने हिंसा करने वालों बताया जिसमें, सुशील कुमार (पूर्व छात्र), पंकज मिश्रा (माही मांडवी हॉस्टल), आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), भास्कर विजय, सुजेता तालुकदार, प्रिय रंजन, योगेंद्र भारद्वाज,पीएचडी-संस्कृत, विकास पटेल (पीले शर्ट में एमए कोरियन) और डोलन सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि, यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से हमें काफी सारी सूचनाएं मिलीं, वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर लोगों को इकट्ठा किया गया, उन लोगों ने चुन-चुनकर छात्रों पर हमला किया जैसे उनको पता था कि किस-किस रूम में जाना है। जेएनयू में हुई घटना को लेकर लोगों के बीच गलत जानकारी फैलाई जा रही है, स्टूडेंट्स का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है, उसको ध्यान में रखते हुए हम आपसे जानकारी साझा कर रहे हैं।
इसके आगे दिल्ली पुसिस ने खुलासा करते हुए कहा कि, 5 जनवरी सुबह 11 बजे कुछ बच्चे स्कूल ऑफ सोशल साइंस के बाहर कुछ बच्चे रजिस्ट्रेशन के लिए बाहर बैठे थे। उन बच्चों को पीटा गया और बीचबचाव करने वाले सुरक्षा स्टाफ से भी धक्कामुक्की की जाती है। जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के पास मौजूद टी पॉइंट के पास पीस मीटिंग हो रही थी जिस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने हाथ लाठी डंडा लेकर साबरमती हॉस्टल पर हमला किया।
तीन जनवरी को स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन के मेंबर्स ने सेंट्रलाइज रजिस्ट्रेशन सिस्टम को रोकने के लिए जबर्दस्ती सर्वर रूम में घुसे और कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद सर्वर को बंद कर दिया। इसके बाद सर्वर को किसी तरह ठीक किया। 4 जनवरी को फिर उन्होंने सर्वर ठप करने की कोशिश की। दोपहर में पीछे शीशे के दरवाजे से कुछ अंदर घुसे और उन्होंने सर्वर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इससे पूरा रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस रुक गया। इन दोनों मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा है कि, इन छात्रों के प्रोटेस्ट की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है। कल कनॉट प्लेस में लोगों को इनके प्रदर्शन की वजह से दिक्कतें हुईं। जब भी हम इन लोगों से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं तो ये लोग कानून का उल्लंघन करते हैं।