Jammu and Kashmir: Big success for security forces in Anantnag, a terrorist heaped; जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी। अनंतनाग मुठभेड़ में ढेर हुआ एक आतंकी। 2020 की अपेक्षा 2021 के आंकड़ों में आई कमी।
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई, जब उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया। कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि यह मुठेभड़ अरवनी इलाके में शुरू हुई। मारे गए आतंकी की पहचान नहीं हुई है। पुलिस और सुरक्षाबल मौके पर तैनात हैं और सर्च अभियान अब भी जारी है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जिले के अरवनी इलाके के मुमनहाल गांव में घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और सर्च ऑपरेशन एनकाउंटर में बदल गया।
#AnantnagEncounterUpdate: 01 unidentified #terrorist killed. Search going on. Further details shall follow. @JmuKmrPolice https://t.co/j06Ht77pdK
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) December 24, 2021
बता दें इससे पहले रविवार को श्रीनगर के हरवान इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया था। जो हाल में बांदीपोरा में मारे गए दो पुलिसकर्मियों की हत्या समेत कई आतंकी वारदात में शामिल था। पुलिस ने बताया था कि सुरक्षाबलों ने इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष सूचना के बाद हरवान में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन उस समय मुठभेड़ में बदल गया, जब आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
बीते बुधवार को ही कश्मीर घाटी में कुछ ही मिनट के अंतराल पर हुईं दो अलग-अलग आतंकी घटनाओं में एक आम नागरिक और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। एक ओर, श्रीनगर के नवाकदल में आतंकवादियों ने एक आम नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई जबकि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके में हुए हमले में एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक मोहम्मद अशरफ शहीद हो गए ।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में 60 घंटे के भीतर आतंकियों द्वारा गुरुवार को सुरक्षाबलों पर दूसरा हमला किया गया। जिसमें दो जवान शहीद हुए हैं। इस इलाके में आतंकी पिछले 10 दिन से छिपकर बैठे हुए हैं। ये आतंकी एलओसी(नियंत्रण रेखा) से घुसपैठ करके आए थे और मुगल रोड से कश्मीर जाने की फिराक में हैं। जिस जगह आतंकी घेरे गए हैं, वह काफी घना जंगल है। यह क्षेत्र मुगल रोड रास्ते पर डेरा की गली से बफलियाज के बीच है। बता दें कि सोमवार को पुंछ में एक जेसीओ समेत पांच जवानों ने शहादत दी। गुरुवार शाम को आतंकी हमले में दो और जवान शहीद हुए।
जानकारी मिली है कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसने के नए तरीके तलाश रहे हैं। इस काम को भी मोबाइल ऐप्स की मदद से किया जा रहा है। बताया गया है कि आतंकी अपने फोन में ऐसे ऐप रखते हैं जिसके जरिए उन्हें लगातार अलग-अलग रास्ते बताए जाते हैं, वो रास्ते जहां पर सुरक्षाबलों का पहरा कम है। वहीं उन्हीं आतंकियों को घुसपैठ करवाने की जिम्मेदारी ये OGW ले लेते हैं।
अब NIA की पूछताछ में पांच ऐसे रूट निकाल लिए गए हैं जिनका इस्तेमाल आंतकी घाटी में घुसपैठ के लिए कर रहे थे। वो रास्ते कुछ इस प्रकार हैं-
रूट 1: नाली (पीओके) से महादेव गैप, महादेव गैप से मजोत, मजोत से डुंडेसर वन, वहां से कलाकोट फिर जम्मू-कश्मीर।
रूट 2: कोटकोटेरा (पीओके) से ब्राल गली, वहां से बागला, फिर कलाकोट से जम्मू-कश्मीर।
रूट 3: निकेल (पीओके) से कोंगा गली, वहां से दादोट होते हुए मनजोत से जम्मू-कश्मीर।
रूट 4: कश्मीर के रास्ते बंताल गांव (पीओके) से कास नाला।
रूट 5: गोई (पीओके) से सोन गली, वहां से नंदेरी, फिर गुरसैन सूरनकोट से जम्मू-कश्मीर।
अब जानकारी के लिए बता दें कि जिन ऐप्स का इस्तेमाल ये आतंकी कर रहे थे उनमें रास्तों की जानकारी और नेविगेशन सिस्टम पहले से ही अपलोड रहते हैं। आतंकी इस ऐप के जरिये नेविगेशन का इस्तेमाल कर जम्मू कश्मीर में सेना को चकमा देकर घुसपैठ कर जाते हैं। लेकिन अब क्योंकि सीधे ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया जा रहा है, ऐसे में कई बड़े खुलासे होने भी शुरू हो गए हैं।
ओवर ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ने का सिलसिला भी तब शुरू हुआ जब अक्टूबर के महीने में आतंकी घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई थीं। तब एक हाई लेवल मीटिंग में फैसला हुआ था कि ओवर ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ने की जरूरत है। अब उन्हीं ओवर ग्राउंड वर्कर्स की वजह से ये खुलासे होते दिख रहे हैं।
इस वर्ष अब तक आतंकियों ने 103 हमले किए हैं। इन हमलों में 26 नागरिकों की मौत और 32 जवान शहीद हुए हैं। सुरक्षाबलों ने 137 आतंकियों को मार गिराने में सफलता भी पाई है।
आंकड़ों के अनुसार श्रीनगर में मई से दिसंबर 2020 तक 9 मुठभेड़ों में 20 आतंकी मारे गए, लेकिन वर्ष 2021 में जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में शहर और उसके आसपास लगभग 21 मुठभेड़ और गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें अब तक 7 पुलिसकर्मियों, 15 आतंकवादियों और 13 नागरिकों सहित 35 लोग मारे गए। सूत्रों के मुताबिक श्रीनगर अक्सर एक ट्रांजिट रूट की तरह रहता था।
इस बीच अगर इस वर्ष के कश्मीर घाटी के आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक 150 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें से 24 के करीब पाकिस्तानी आतंकी हैं। इस बीच प्राप्त आंकड़ों के अनुसार घाटी में करीब 199 आतंकी सक्रिय हैं जिनमें 90 के करीब पाकिस्तानी हैं। इस साल स्थानीय युवाओं की बात करें, जो आतंकी बने हैं तो वो आंकड़ा अब तक वर्ष 2020 के 178 के मुकाबले कुल 97 है जो यह दर्शाता है कि इस वर्ष कम युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता अपनाया है।
पिछले तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ 400 एनकाउंटर की घटनाएं हुई हैं। इस एनकाउंटर में 85 सुरक्षाबलों ने अपनी जान गंवाई और 630 आतंकियों को ढेर किया गया। ये आंकड़ा मई 2018 से जून 2021 का है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए इस बात की जानकारी दी।