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डीयू के सिलेबस से इकबाल आउट, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कवि मोहम्मद इकबाल के चैप्टर को अपने सिलेबस से हटा दिया है। इकबाल ने मशहूर गीत ‘सारे जहां से अच्छा’ लिखा था। यह फैसला एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया। इससे पहले कवि इकबाल को पाठ्यक्रम से हटाने के लिए पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया। इसके साथ ही महात्मा गांधी पर आधारित एक पेपर को चौथे से सातवें सेमेस्टर में जोड़ा गया है। बता दें कि मोहम्मद इकबाल को देश के बंटवारे के लिए मोहम्मद अली जिन्ना के बराबर ही भी जिम्मेदार माना जाता है।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल के चैप्टर को अपने सिलेबस से हटा दिया है। मोहम्मद इकबाल ने मशहूर गीत ‘सारे जहां से अच्छा’ लिखा था। यह फैसला काफी लंबी चली एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया। इससे पहले कवि इकबाल को पाठ्यक्रम से हटाने के लिए पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया। इसके साथ ही महात्मा गांधी पर आधारित एक पेपर को चौथे से सातवें सेमेस्टर में जोड़ा गया है। बता दें कि मोहम्मद इकबाल को देश के बंटवारे के लिए मोहम्मद अली जिन्ना के बराबर ही भी जिम्मेदार माना जाता है। इस मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि मोहम्मद इकबाल को पाकिस्तान का जनक कहा जाता है। उन्होंने जिन्ना को मुस्लिम लीग में एक बड़े नेता के रूप में स्थापित करने में उनकी बड़ी भूमिका रही। एबीवीपी और डीयू के छात्र इस कदम की सराहना की है। डीयू ने स्वतंत्रता और विभाजन स्टडी केंद्र के गठन जैसे कई प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसका काउंसिल के कई सदस्यों ने विरोध किया।

वहीं काउंसिल के सदस्य मिठुराज धुसिया ने कहा कि केंद्र का यह प्रस्ताव विभाजनकारी है। इससे भड़काऊ और सांप्रदायिक भाषणों को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि काउंसिल की बैठक स्पोर्ट्स और एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम को भी लागू करने का भी प्रस्ताव रखा गया। बैठक में दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को फंडिंग में देरी का मुद्दा भी उठाया गया। पिछले साल तक, कॉलेजों में 5% सीटें खेल और ईसीए श्रेणियों के तहत प्रवेश के लिए आरक्षित थीं। काउंसिल सदस्य डॉ. मेघ राज ने बताया कि इस बार स्पोर्ट्स कोटे को 2.5% कर दिया गया है। जबकि 5% के भीतर ECA का कोटा बनाया गया है। जो अच्छा कदम नहीं है। UGC के नियम के मुताबिक खेल श्रेणी के लिए 10% कोटा निर्धारित है।

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