इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता. इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। हर गुजरता दिन इतिहास में कुछ घटनाओं को जोड़कर जाता है।
इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। हर गुजरता दिन इतिहास में कुछ घटनाओं को जोड़कर जाता है। फिलिस्तीन में 19 अप्रैल 1936 में यहूदी विरोधी दंगे शुरू हुए था। जो आज भी जारी है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी 19 अप्रैल 1950 में इस्तीफा देने वाले पहले कैबिनेट मंत्री बने थे। इस्तीफा देने के बाद वे कश्मीर के लिए निकल पड़े। वे चाहते थे कि देश के इस हिस्से में जाने के लिए किसी इजाजत की जरूरत न पड़े. नेहरू की नीतियों के विरोध के दौरान मुखर्जी कश्मीर जाकर अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन 11 मई 1953 को श्रीनगर में घुसते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
तब, वहां शेख अब्दुल्ला की सरकार थी. दो सहयोगियों समेत गिरफ्तार किए गए मुखर्जी को पहले श्रीनगर सेंट्रल जेल भेजा गया और फिर वहां से शहर के बाहर एक कॉटेज में ट्रांसफर कर दिया गया। क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने 19 अप्रैल 2011 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ क्यूबा की केन्द्रीय समिति में 45 वर्षों तक बने रहने के बाद पद से इस्तीफा दिया था।
क्रांति से पहले फिदेल कास्त्रो एक युवा वकील थे, जिन्हें कम लोग जानते थे। उनका जन्म 1926 में क्यूबा के फिदेल अलेजांद्रो कास्त्रो परिवार में हुआ था जो काफ़ी समृद्ध माना जाता था। क्रांति से पहले वह तानाशाह के खिलाफ 1952 के चुनाव में खड़े हुए। लेकिन इससे पहले लोग वोट कर पाते, वोटिंग खत्म कर दी गई। जनक्रांति शुरू करने के इरादे से 26 जुलाई को फिदेल कास्त्रो ने अपने 100 साथियों के साथ सैंटियागो डी क्यूबा में सैनिक बैरक पर हमला किया, लेकिन नाकाम रहे। इस हमले के बाद फिदेल कास्त्रो और उनके भाई राउल बच तो गए, लेकिन अन्य लोगों को जेल में डाल दिया गया। 19 अप्रॅल को जन्मे व्यक्ति 19 अप्रॅल 1968 में बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी का जन्म हुआ था।
19 अप्रॅल को हुए निधन प्रसिद्ध जीवविज्ञानी चार्ल्स डार्विन का 19 अप्रॅल 1882 में निधन हुआ था — यकीनन. शायद स्कूल या कॉलेज की किसी किताब में पढ़ा हो. जीव विज्ञान में यादगार और बेशकीमती थ्योरीज़ देने वाले इंग्लैंड के विज्ञान अनुसंधानकर्ता डार्विन को जीवन की उत्पत्ति के बारे में मूलभूत सिद्धांतों के लिए जाना जाता है। पृथ्वी पर जीवन की शुरूआत, विकास और रचनाएं कैसे हुईं, इस बारे में डार्विन ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तथ्यों के आधार पर विवेचना कर अपने समय में कई मान्यताओं को हिला दिया था।
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैयद हसन इमाम का निधन 19 अप्रॅल 1933 में हुआ था। कहा जाता है कि सरज़मीन-ए-हिन्द ब्रितानी दौर के सिविल क़ानून की दुनिया में बैरिस्टर सैय्यद हसन इमाम का कोई हमसफ़र नहीं पैदा कर सकी. हिन्दू लॉ के सिलसिले में हसन इमाम को ऑथोरिटी का दर्जा हासिल है। हिन्दुओं के क़ानून को सामने रखकर जब वो बहस करते तो शास्त्रों और वेदों के हवालों से ऐसे नुक्ते पेश करते कि बड़े-बड़े संस्कृत जानने वाले पंडितों के होश उड़ जातेस 19 अप्रैल के महत्वपूर्ण दिवस भारत द्वारा उपग्रह क्षेत्र में प्रवेश दिवस साइकिल दिवस डेली लाइफ में साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और इसको लोकप्रिय बनाने के लिए विश्वभर में बाइसिकल डे मनाया जाता है।
इस दिन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधिकारिक तौर पर की गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाने की घोषणा की है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को ये समझाना है कि साइकिल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितना बेहतर है।
1770: कैप्टन जेम्स कुक आस्ट्रेलिया पहुंचने वाले पहले पश्चिमी व्यक्ति बने.
1775: अमेरिकी क्रांति की शुरुआत.
1882 : कलकत्ता में पहले प्रसूति अस्पताल की शुरुआत.
1910: हेली पुच्छल तारे को पहली बार सामान्य रूप से देखा गया.
1919 : अमेरिका के लेस्ली इरविन ने पैराशूट से पहली बार छलांग लगाई.
1936: फिलिस्तीन में यहूदी विरोधी दंगे शुरू हुए.
1950: श्यामा प्रसाद मुखर्जी केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री बने.
1971 : भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला जीती.
1972: बांग्लादेश राष्ट्रमंडल का सदस्य बना .
1975: भारत अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च कर अंतरिक्ष युग में दाखिल हुआ. यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था.
2011 : क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ क्यूबा की केन्द्रीय समिति में 45 वर्षों तक बने रहने के बाद इस्तीफा दिया.
2020 : कोरोना वायरस से दिल्ली में नवजात शिशु की मौत, देश में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 17,000 के पार पहुंचा.
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को आज एक महाशक्ति के रूप में देखा जाता है. भारत ने अंतरिक्ष में सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने की क्षमता हासिल करके एक बड़ा कारनामा अंजाम दिया. उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज बहुत से देश कम लागत में अपने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए भारत पर निर्भर करते हैं.