Fearing Majlis roadshow in Mustafabad Congress succumbed to lies Kalimul Hafeez;उत्तर पूर्वी दिल्ली में अब्दुल हक़ नाम का कोई आदमी मजलिस का लोक सभा अध्यक्ष कभी नहीं रहा।
खुर्शीद रब्बानी
नई दिल्ली: मजलिस की बढ़ती हुई ताक़त से कांग्रेस समेत नामनिहाद सेकुलर पार्टियां परेशान और घबरा गई हैं। वो ख़ौफ़ के आलम में गुमराह करने वाले प्रोपेगंडा पर उतर आयी हैं। ये विचार ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने प्रेस को जारी बयान में व्यक्त किए।
वह दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी के उस ट्यूट पर तबसरा कर रहे थे जिसमें अली मेहदी ने कहा कि मजलिस से टूटकर लोग कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। ज्ञात रहे कि अली महदी मुस्तफाबाद से पूर्व MLA हसन अहमद के बेटे हैं। अली मेहदी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के रहने वाले अब्दुल हक़ को मजलिस का उत्तर पूर्वी लोक सभा का अध्यक्ष बताया है। मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि इस नाम का कोई आदमी कभी मजलिस का लोकसभा अध्यक्ष नहीं रहा और ना इस वक़्त है और जब से मैं अध्यक्ष बना हूँ, मैं इस नाम के किसी आदमी से परिचित भी नहीं हूँ।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को अपनी पसंद के हिसाब से सियासी पार्टी में शामिल होने का अधिकार है, हमेशा ही लोग अपनी सियासी वफ़ादारी बदलते रहते हैं। मेरा ये दावा नहीं कि मजलिस का कोई मेंबर किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा सकता, लेकिन ग़लत ब्यानी और झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने का अधिकार किसी को नहीं है। दरअसल 15 दिसंबर 21 को चाँदबाग़ से लेकर मुस्तफाबाद तक मजलिस के रोड शो और मुस्तफाबाद में मजलिस के कार्यकर्ता सम्मेलन में हज़ारों की भीड़ देखकर कांग्रेसियों की नींद हराम हो गई है।मेरा मशवरा है कि अली मेहदी भी कांग्रेस की ताबेदारी छोड़कर मजलिस की हिस्सेदारी में शामिल हो जायें। अब मजलिस ही दिल्ली के मुसलमानों की पहली पसंद है। कांग्रेस या आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मुसलमानों को पसमांदगी के सिवा क्या दिया है |