दिल्ली में अब हर गाड़ी पर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना जरूरी है। अगर दिल्ली में रजिस्टर हुई किसी गाड़ी पर ये दोनों चीजें नहीं मिलती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
इसी को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने आज से एक अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें वाहनों की जांच की जाएगी और ये चेक किया जाएगा कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर लगा है या नहीं। वहीं इनके नहीं लगे होने पर 5500 रुपये का चालान भी काटा जा सकता है।
दिल्ली में अब कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर दिल्ली की गाड़ियों के लिए काफी जरूरी है। गाड़ी के लिए कलर कोडेड स्टिकर इसलिए खास है क्योंकि इससे ये पता चलेगा कि गाड़ी कौन से फ्यूल से चलती है।
इस स्टिकर के जरिए पता चलने में आसानी होगी कि गाड़ी पेट्रोल या डीजल पर चल रही है या फिर इलेक्ट्रिक कार है। इतना ही नहीं, इससे ये भी पता चलेगा की गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कब हुई है और ये कौनसा बीएस मॉडल है। वहीं गाड़ी पर लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर मौजूद लेजर कोड भी इस पर मौजूद होगा।
विभाग के एक वरिष्ठ आधिकारी ने कहा कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और रंगीन स्टीकर की जांच के लिए 9 टीमों को तैनात किया गया है। यह अभियान शुरू में केवल फोर व्हिलर्स के लिए होगा।
फिलहाल तीन तरह के कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर हैं। इनमें नीला, नारंगी और स्लेटी रंग है। नीले रंग का मतलब पेट्रोल या सीएनजी से है। अगर नीले रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस-6 है।
हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस-4 या बीएस-3 है। वहीं नारंगी का मतलब डीजल कार से है। अगर नारंगी रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो यह बीएस-6 है। हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस-4 या बीएस-3 है। आखिर में स्लेटी या ग्रे रंग आता है। इसका मतलब है कार इलेक्ट्रिक कार है।
इस ही के साथ आप को बता दे कि क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक खास तरह की नंबर प्लेट है। इस नंबर प्लेट पर गाड़ी का नंबर एंबोइज्ड यानी उभरा हुआ होता है।
वहीं नंबर प्लेट पर खास तरह की तकनीक से स्टांप कलर होता है जिसे मिटाया नहीं जा सकता है। और ये नंबर प्लेट एक खास लेजर कोडेड नंबर होता है और होलोग्राम भी है।
इस नंबर प्लेट की खूबी ये भी है कि इस नंबर प्लेट पर लेजर कोड के जरिए उस गाड़ी की सरकारी जानकारी जुड़ी होती है, जैसे गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर, मालिक का नाम और पता और साथ ही गाड़ी की रजिस्ट्रेशन की जानकारी। साथ ही इस नंबर प्लेट को लगाने का खास तरीका है और लगने के बाद इसे निकालना मुश्किल है।
ये हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तीन कलर में है। अगर प्राइवेट कार है तो सफेद रंग पर काले रंग में नंबर होगा। वहीं कमर्शियल गाड़ी के लिए पीले रंग की प्लेट पर काले अक्षरों में नंबर होगा। इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड के लिए ये हरे रंग का होगा।
इसके बाद जरूरी है कलर कोड स्टिकर। गाड़ी के लिए कलर कोड स्टिकर इसलिए खास है कि इससे ये पता चलेगा की आपकी गाड़ी कौन से फ्यूल से चलती है यानी पेट्रोल, डीजल या फिर इलेक्ट्रिक कार है।
इतना ही नहीं इससे ये भी पता चलेगा की गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कब हुई है और ये बीएस मॉडल है। वहीं, गाड़ी पर लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर मौजूद लेजर कोड भी इस पर मौजूद होगा। तीन तरह के कलर कोड स्टिकर है नीला, नारंगी और स्लेटी।
इस खास हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाने का भी खास तरीका है। इसे गाड़ी में इस तरह से फिट किया जाता है की कोई निकालना चाहे तो भी नहीं निकाल सकता है। वहीं कोशिश करने पर वो बोनट के नीचे जिस हिस्से में लगा होता वो उसके साथ ही बाहर आ जाएगा। दोबारा लगवाने के लिए गाड़ी में वो हिस्सा दोबारा लगवाना होगा।
इस ही के साथ आप को बताते चले कि अभी भी कई गाड़ियों पर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर नहीं लगे हैं। गाड़ी पर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर लगवाने के लिए www.bookmyhsrp.com वेबसाइट पर जाना होगा। यहां बुकिंग करनी होगी और भुगतान भी करना होगा। इसके बाद अपने तय समय अनुसार डीलर या वर्कशॉप पर जाकर इसे लगवाया जा सकता है।