रिपोर्ट – माया सिंह
छत्तीसगढ़ : कोरोना ने तो वैसे पूरे देश में मौत का तांडव मचा रखा है लेकिन सबसे ज्यादा कहर बड़े शहरों में देखने को मिल रहा है । हर राज्य की हालत बिगड़ी हुई है । इस महामारी के बीच राज्यों के अस्पतालों की पोल खुलती नजर आ रही है । जी हां , कोरोना के बढ़ते रफ्तार के बीच छत्तीसगढ़ में बदइंतजामी का मामला सामने आया है । राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक से दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है । हैरानी की बात है कि यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों को कचरा फेंकने वाली गाड़ी से ले जाया जा रहा है ।
दरअसल , राजनांदगांव जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर स्थित डोंगरगांव में दो सगी बहनों समेत तीन लोगों की मौत हो गई । बताया जा रहा है कि तीनों की मौत ऑक्सीजन की कमी होने के वजह से हुई है । यहां तय वक्त पर पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल सका , जिसके कारण तीनों अपनी जान गंवा बैठे ।
इन तीनों के मौत के बाद ही डोंगरगांव के सरकारी अस्पताल से एक और कोरोना मरीज की मौत ख़बर मिली , जिसके बाद पूरे गांव में कोहराम मचा लेकिन इसके बाद जो हुआ , वो बेहद ही शर्मनाक रहा । यहां नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहनों से चारों मरीजों के शवों को अंतिम संस्कार के लिये ले जाया गया ।
जानकारी के मुताबिक , डोंगरगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ ने जवाब देने के डर से खुद को कोरोना संक्रमित बताकर घर में आइसोलेट कर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है , जबकि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है ।
वहीं इस विवाद को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पुष्टि की है कि कोविड के मरीजों का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था, इसलिए मौत हो गई ।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ जनसंख्या के दृष्टि से छोटा होने के बावजूद यहां रोजाना 10 हजार से भी ज्यादा मामले आ रहे हैं । अस्पताल से लेकर श्मशान घाट तक कतार लगी हुई हैं ।