नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही बीजेपी में लगातार बैठकों का दौर चल रहा था। जिसे लेकर ये कयास लगाये जाने लगे थे कि बीजेपी बहुत जल्द कुछ नया करने वाली है। वहीं सीएम योगी के मंत्रिमंडल में भी विस्तार की बात सामने आ रही थी। जिसमें पीएम मोदी के करीबी और IAS एके शर्मा के शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे। हालांकि इन सभी कयासों को दरकिनार कर बीजेपी ने पूर्व आईएस अधिकारी एके शर्मा को उत्तर प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया है। आपको बता दें कि एके शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है।
चुनाव से ठीक पहले एक पूर्व IAS को इतनी बड़ी जिम्मेदारी का मिलना मायने रखता है। ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने ऐसे फैसले लिए हों। लेकिन अगर एके शर्मा को ये जिम्मेदारी दी गई है, मतलब साफ है कि बीजेपी कुछ सियासी समीकरण साधने के प्रयास में है। वैसे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की तरफ से विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की गई है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रूखाबाद) को युवा मोर्चा, श्रीमती गीताशाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेन्द्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष घोषित किया है। इसके अलावा कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है।
पीएम मोदी के करीबी हैं एके शर्मा
अब चुनाव से पहले बीजेपी की ये सक्रियता दिखा रही है कि वे पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुके हैं। पार्टी में लगातार हो रहे बदलाव भी यहीं संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में और भी कई बड़े फैसले होते दिख सकते हैं। एके शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष बना ये सिलसिला शुरू हो चुका है। वैसे भी यूपी में मिशन 2022 में जुटी बीजेपी ने एके शर्मा को हाल ही में एमएलसी बनाया था। एके शर्मा को पीएम मोदी का करीबी बताया जाता है। वह पिछले करीब 18 साल से पीएम मोदी की टीम का हिस्सा रहे हैं। ऐसे में कयास तो लग रहे थे कि उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है, अब प्रदेश उपाध्यक्ष बना पार्टी ने अपना इरादा साफ कर दिया है।
कौन हैं एके शर्मा ?
गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे एके शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। वो पीएम मोदी के साथ 2001 में तब से हैं जब उन्होंने गुजरात के सीएम पद की शपथ ली थी। वो गुजरात में सीएम कार्यालय के सचिव के बाद सीएम के अतिरिक्त प्रमुख सचिव भी रहे हैं। शर्मा ने गुजरात में होने वाले निवेशकों के सम्मेलन वाइब्रेंट गुजरात के आयोजन का दायित्व भी संभाला था।
साल 2014 में गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी जब पीएम बन कर दिल्ली आए तो शर्मा भी पीएम कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आए। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते वक्त वो MSME मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत थे।
उत्तर प्रदेश के मऊ से हैं शर्मा
एके शर्मा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के काझाखुर्द गांव के रहने वाले हैं। 58 वर्षीय शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई उसके बाद 12वीं तक कि पढ़ाई उन्होंने डीएवी इंटर कॉलेज से की। स्नातक व राजनीति शास्त्र में परास्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया और उसके बाद उनका चयन 1988 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया, जहां पर उनको गुजरात कैडर दिया गया।
जितिन प्रसाद को लेकर भी अटकलें
वैसे इससे पहले जितिन प्रसाद का बीजेपी में आना भी अहम रहा है। कांग्रेस को छोड़ जितिन का बीजेपी का दामन थामना सियासी समीकरण बदलने वाला रहा है। वे बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में जाने जाते हैं, ऐसे में बीजेपी भी उनके जरिए इस वोट बैंक को साधने की कोशिश करने जा रही है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में उन्हें भी कोई बड़ा पद मिल सकता है।