सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत साबित करने के बाद से वे लगातार राज्य के विकास के लिए काम करने की बात कर रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से कहा कि शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ उनके हालिया ‘विद्रोह’ के पीछे भाजपा की सक्रिय भूमिका थी। शिंदे ने कहा कि गुजरात से गुवाहाटी जाने के बाद वह फडणवीस से तब मिलते थे जब उनके गुट के विधायक सो रहे थे, लेकिन विधायकों के जागने से पहले वह लौट आते थे।
शिंदे ने विश्वास मत जीतने के बाद विधानसभा में कहा, ‘विधान परिषद के चुनाव (परिणाम) के दिन और जिस तरह से मेरे साथ व्यवहार किया गया…मैंने फैसला किया था कि अब पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा।’
विधान परिषद के चुनाव में, बीजेपी ने सभी पांच सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोरे हार गए थे। कुछ दिन पहले, शिवसेना का दूसरा उम्मीदवार महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार से हार गया था। जाहिर तौर पर इस बात का हवाला देते हुए कि वह मुंबई से कैसे बाहर निकले, शिंदे ने कहा कि पुलिस द्वारा नाकेबंदी (सुरक्षा नाकेबंदी) की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन टावर का पता लगाना और किसी व्यक्ति को ट्रैक करना जानता हूं। मैं नाकेबंदी से बचना भी जानता हूं।’ नयी सरकार के गठन से पहले पर्दे के पीछे की गतिविधियों की एक झलक पेश करते हुए, शिंदे ने याद किया कि आधी रात को जब सभी विधायक सो रहे होते थे तब वह होटल से निकलते थे और सुबह जल्दी लौट जाते थे. शिंदे ने कहा, इस सरकार के सच्चे कलाकर देवेंद्र फडणवीस हैं।
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘‘हम तब मिलते थे जब मेरे साथ के विधायक सो रहे होते थे और उनके जागने से पहले लौट आता था।’’ शिंदे के इस खुलासे से फडणवीस साफ तौर पर शर्माते दिखे। एकनाथ शिंदे ने देवेन्द्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘कोई नहीं जानता कि वह क्या करेंगे और कब करेंगे।’’ महाराष्ट्र में एक सप्ताह से अधिक समय से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल को समाप्त करते हुए शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
एकनाथ शिंदे ने बताया, “जब मेरे साथ विधायक सो रहे होते थे तब हम मिलते थे लेकिन उनके उठने से पहले लौटते थे।” फडणवीस स्पष्ट रूप से शिंदे के खुलासे से कतराते दिखे। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस का जिक्र करते हुए कहा, ”कोई नहीं जानता कि वह कब क्या करेंगे। ” बता दें कि बीते एक सप्ताह तक महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल के बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की।