दिल्ली: योगगुरु बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका करके एलोपैथी पर अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR में राहत की मांग की है, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से अलग-अलग राज्यों में दर्ज कराई गई FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है, रामदेव के खिलाफ बिहार के पटना और छत्तीसगढ़ के रायपुर में एफआईआर दर्ज है, बाबा रामदेव ने इन मामलों में किसी कार्रवाई पर रोक की भी मांग की है, हालाँकि अभी यह तय नहीं हो पाया कि बाबा रामदेव की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा।
आपको बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ इकाई की शिकायत पर, योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी के दौरान गलत सूचना फैलाने के लिए रायपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई है, एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव ने गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया जिससे दूसरों की जान को खतरा हुआ, शांति भंग हुई और कोविड-19 महामारी के दौरान प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना की गई। ( Baba Ramdev Supreme Court )
रामदेव के खिलाफ एफआईआर रायपुर के सिविल लाइंस थाना प्रभारी निरीक्षक आरके मिश्रा ने दर्ज की थी. शिकायत आईएमए छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने दर्ज कराई थी। कहा गया था कि बाबा रामदेव भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा कोविड -19 उपचार के लिए अनुशंसित दवाओं के बारे में गलत प्रचार कर रहे थे। शिकायत में आगे कहा गया है कि इस तरह के बयान ऐसे समय में दिए जा रहे हैं जब देश का पूरा चिकित्सा समुदाय सरकार के साथ-साथ महामारी से जूझ रहा है।
दरअसल बीते मई महीनें में बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होनें एलोपैथी को लेकर टिप्पणी की थी, वायरल वीडियो में बाबा ने कहा था, रेमेडिसविर और फैबीफ्लू जैसी दवाएं भारत में कोविड रोगियों के इलाज में विफल रहीं। बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे अपने बयान वापस लेने को कहा और उन्होंने ऐसा ही किया।