1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. ऑटो ड्राइवर से अरबपति बने इस शख्स ने कोरोना संकट में दान किया 1 करोड़ रुपये का ऑक्सीजन, जानें कैसे

ऑटो ड्राइवर से अरबपति बने इस शख्स ने कोरोना संकट में दान किया 1 करोड़ रुपये का ऑक्सीजन, जानें कैसे

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी 

महाराष्ट्र : कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना महामारी से होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। 

ऐसे में नागपुर के एक ट्रान्सपोर्ट कारोबारी ने मदद के लिए हाथा आगे बढ़ाया है। उन्होंने ऑक्सीजन की भारी किल्लत को देखते हुए करीब एक करोड़ रुपये ऑक्सीजन के लिए दान किया है। 

ऑक्सीजन के लिए एक करोड़ रुपये दान करने वाले व्यक्ति का नाम प्यारे खान है। उन्होंने कोरोना की गंभीर स्थिति में ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दान किया है, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपये है। ऑक्सीजन दान करने के साथ ही लोगों को ऑक्सीजन सुचारू रूप से मिल पाए इसका प्यारे खान खुद भी ध्यान रख रहे हैं।

प्यारे खान ने अपने ट्रान्सपोर्ट नेटवर्क के जरिए नागपुर में ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। उन्होंने महज दस दिनों में 25 टैंकरों के माध्यम से नागपुर के सरकारी व निजी अस्पतालों को लगभग 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिए। इन 25 टैंकरों ने हर दिन भिलाई, विशाखापट्टनम, बेल्लारी से ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। 

वहीं, बात करें प्यारे खान की निजी जिंदगी की तो आप सोच रहे होंगे कि एक ऑटो रिक्शा चालक अचानक अरबपति कैसे बन गया, तो आपको बता दें कि ये एक दिन का काम नहीं था, जिसने प्यारे खान को इतना अमीर बना दिया। उन्होंने कड़ी मेहनत करके ये दौलत हासिल की है। प्यारे खान साल 1995 से 2001 तक ऑटो रिक्शा चलाने का काम करते थे। कड़ी मेहनत के बाद अब प्यारे खान अस्मी रोडवेज नामक एक बड़ी परिवहन कंपनी के मालिक हैं। उनकी कंपनी में 1200 सौ कर्मचारी और 300 बड़े ट्रक और टैंकर हैं। उनका पूरे भारत के अलावा नेपाल से भूटान तक बड़ा परिवहन व्यवसाय है। प्यारे खान को भारत के प्रमुख संस्थान जैसे आईआईएम अहमदाबाद और अन्य बड़े संस्थानों से लगभग डेढ़ सौ पुरस्कार मिले हैं। 

आपको बताते चलें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में व्यवसाइयों से अपील की थी कि वे कोरोना संकट में आर्थिक मदद करें। जिसके बाद महामारी की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्यारे खान ने ऑक्सीजन दान करने का फैसला किया। जिसके लिए बेल्लारी, विशाखापत्तनम, राउरकेला, भिलाई से नागपुर तक टैंकर उपलब्ध कराए।