संसद सत्र में आज दिल्ली हिंसा के साथ साथ कोरोना वायरस को भी लेकर जमकर हंगामा हुआ। कोरोना वायरस पर सरकार की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बयान दिया। इस बीच राज्यसभा में दिल्ली में हुई हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित साह ने दिल्ली हिंसा पर विपक्ष के सवालों को जवाब दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूं कि दंगो के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। दंगों के उपरांत अब तक 700 FIR दर्ज की गई है और जिसने भी FIR दर्ज करवाई है, उसे रजिस्टर करने से पुलिस ने कहीं भी ना नहीं की है।
अमित शाह ने कहा कि, दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है। ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभगसवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं। 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी। जिनकी पहचान हो चुकी है, उनकी सारी डिटेल हमारे पास उपलब्ध हो चुकी है। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया है जो रात-दिन गिरफ्तार करने का काम कर रही है।
अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए भड़काए गए हिंसा पर कहा कि, कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से 2 दिन पहले शुरू हुए थे और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उन पर केवल दंगा, नफरत और घृणा फ़ैलाने का काम किया गया है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए, तो वो गलत हैं, हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएंगे।
वहीं, उन्होंने कहा कि, बहुत दु:ख के साथ मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में CAA को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता CAA से छीन ली जाएगी। ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, CAA नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है। मैं स्पष्टता के साथ कहता हूं कि NPR में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। जो जानकारी आपके पास नहीं हैं, वो देने की जरुरत नहीं है। इस देश में किसी को भी NPR की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे। परन्तु इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत उल्टी है कि कांग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए हैं।