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दक्षिण अफ्रीका के बाद अब सिंगापुर ने भी कही ओमिक्रॉन के बारे में ये बड़ी बात.

By Amit ranjan 
Updated Date

रिपोर्ट:पायल जोशी

भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दहशत है। भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या में रविवार को अचानक 17 का इजाफा हुआ और पांच से बढ़कर इसके मरीजों की संख्या 21 हो गई। ओमिक्रॉन कितना खतरनाक है और कितना नहीं, इस पर अभी तरह-तरह के शोधकार्य चल रहे हैं, मगर इस बीच सिंगापुर ने इसे लेकर जो बात कही है, वह सच में डराने वाला है।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रॉन से पुन: संक्रमण का जोखिम अपेक्षाकृत अधिक है और यह डेल्टा और बीटा वेरिएंट के मुकाबले कहीं अधिक घातक हो सकता है। यहां डरने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि बीते दिनों दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य संगठनों ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी और कहा था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से दोबारा संक्रमण (रीइन्फेक्शन) का खतरा डेल्टा या बीटा वेरिएंट के मुकाबले तीन गुणा अधिक है।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि विश्व स्तर पर शुरुआती क्लीनिकल निरीक्षण बताते हैं कि कोविड-19 का ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप इसके अन्य स्वरूपों ‘डेल्टा’ और ‘बीटा’ के मुकाबले कहीं अधिक संक्रामक हो सकता है तथा इससे पुन: संक्रमण का जोखिम भी अधिक हो सकता है। ‘चैनल न्यूज एशिया’ ने मंत्रालय के हवाले से रविवार को अपनी खबर में कहा, ”इसका अर्थ यह है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों के ओमिक्रॉन स्वरूप से पुन: पीड़ित होने का जोखिम अधिक है।”

मंत्रालय ने कहा कि बीते कई दिनों में उसने दक्षिण अफ्रीका तथा अन्य देशों की खबरें देखीं और सूचना एकत्रित करने के लिए प्रभावित देशों में विशेषज्ञों से सक्रिय संवाद किया। चैनल ने मंत्रालय के हवाले से कहा, ”वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ कोविड-19 टीके प्रभावी हैं या नहीं इस बारे में अध्ययन चल रहे हैं लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिक ऐसा मान रहे हैं कि कोविड-19 रोधी वर्तमान टीके ओमिक्रॉन स्वरूप पर भी काम करेंगे और लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाएंगे।” मंत्रालय ने पात्र लोगों से टीकाकरण करवाने या बूस्टर डोज लगवाने का अनुरोध करते हुए कहा कि वैज्ञानिक इस बात पर दृढ़ता से सहमत हैं कि ऐसा करने से वायरस के किसी भी वर्तमान स्वरूप या भविष्य के किसी भी अन्य स्वरूप से रक्षा हो सकेगी।